मो. गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. यूपी के परिषदीय विद्यालयों में 69000 शिक्षकों की नियुक्ति मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हो गई है. हाईकोर्ट ने दो महीने के अंदर याची अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट में पेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अध्यक्ष और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया. दोनों अधिकारियों ने हलफनामे में बताया कि याचियों को गलत सवाल का एक अंक दे दिया गया है. दो माह में नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया जाएगा.   


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जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने उपेंद्र कुमार दयाल व कई अन्य की अवमानना याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी व अन्य ने बहस की. हाईकोर्ट द्वारा 23 नवंबर को जारी आदेश पर अनिल भूषण चतुर्वेदी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश, प्रयागराज और प्रताप सिंह बघेल सचिव बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान दोनों अधिकारियों ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया. 


इसके साथ ही कोर्ट को बताया कि 26 नवंबर 2023 को शासनादेश जारी किया जा चुका है. सभी याचियों को एक अंक दिया गया है. कुल 2249 कैंडिडेट्स में से 15 को एक अंक दिया गया है. शेष अभ्यर्थियों को भी 15 दिन के अंदर एक अंक दे दिया जायेगा. बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बताया कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा अंक दिए जाने के बाद दो महीने में मेरिट लिस्ट तैयार करके नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जायेंगे.


गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से नौ मई 2020 को जारी गलत आंसर की (Answer Key) को चुनौती देने वाली याचिका पर याचियों को एक अंक देने का आदेश दिया था, जिसका अनुपालन अब तक नहीं किया गया है. 


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