UP AQI Today: दीपावली से पहले ही उत्तर प्रदेश की आबोहवा खराब होने लगी है. दशहरा में हुए रावण दहन, पटाखों और पराली जलाने के चलते हवा में धूल, धुआं, केमिकल घुल गए हैं, जिसके चलते लोगों को श्वास संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोग थ्रोट इंफेक्शन, एलर्जी, खांसी की चपेट में आ रहे हैं. इसके अलावा आंखों में जलन भी हो रही है. कई शहरों में हवा की क्वालिटी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. ऐसे में सेहत का ध्यान रखना एक बड़ा चैलेंज है. 


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दिल्ली-एनसीआर से सटे जिलों की आबोहवा ज्यादा खराब
जिन शहरों में हवा की क्वालिटी खराब हो गई है, उनमें दिल्ली-एनसीआर से सटे नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ जिले शामिल हैं. वहीं कानपुर में कुछ जगहों पर एक्यूआई 200 पार रिकॉर्ड किया गया है. जिसके चलते लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. अस्पतालों में ईएनटी और नेत्र विभाग में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. गले के संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे लोगों के गले में सूजन, खाना निगलने मे तकलीफ हो रही है. इसी तरह नेत्र विभाग में आंखों में जलन, खुजली, आंखें लाल होना, आंखों में किरकिराहट की समस्या वाले मरीज आ रहे हैं. डॉक्टरों की सलाह है कि 


जगह,  स्थिति,  AQI 
आगरा खराब 158 
अलीगढ़ खराब 119 
प्रयागराज खराब 151 
बहराइच मध्यम 87  
बरेली खराब 136 
बदायूँ खराब 151 
बुलन्दशहर खराब 
इटावा खराब 157 
फैजाबाद खराब 160 
फ़तेहपुर खराब 149 
फ़तेहपुर सीकरी खराब 147 
फिरोजाबाद खराब 156 
अयोध्या खराब 159 
गाजियाबाद खराब 193 
गोरखपुर खराब 158 
हापुड़ खराब 164 
हाथरस खराब 142 
जौनपुर मध्यम 87
झांसी खराब 155 
कैराना खराब 165 
कानपुर खराब 158 
लखनऊ खराब 166 
मथुरा खराब 150 
मेरठ खराब 169 
मिर्ज़ापुर खराब 157 
मुरादाबाद खराब 133 
मुजफ्फरनगर खराब 182 
नोएडा खराब 186 
पीलीभीत खराब 151 
रामपुर खराब 152
सहारनपुर खराब 170 
सम्भल खराब 129 
शाहजांपुर खराब 151 
सीतापुर खराब 152 
वाराणसी मध्यम 84 
मथुरा खराब 152 


क्या होता है AQI (Air Quality Index) 
Air Quality Index (वायु गुणवत्ता सूचकांक) एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की क्वालिटी का पता लगाया जाता है. साथ ही भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है. हर देश का Air Quality Index वहां मिलने वाले प्रदूषण कारकों के आधार पर अलग-अलग होता है. भारत में एक्यूआई को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरोमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लॉन्च किया. 


इन 6 कैटगरी में बांटा जाता है 
बता दें कि एक्यूआई को रीडिंग के आधार पर छह कैटेगरी में बांटा गया है. 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. भारत में एक्यूआई आठ प्रदूषण कारकों (PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, NH3 और Pb) के आधार पर तय किया जाता है. 


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