UP DGP Prashant Kumar: डीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है. प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने आदेश  जारी करते हुए कहा कि डीओपीटी से नए डीजीपी की तैनाती तक प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी बने रहेंगे. प्रशांत कुमार योगी सरकार के भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने में उनका अहम योगदान रहा है. उनके कार्यकाल में कुख्यात अपराधियों और माफिया का खात्मा हुआ है. तेजतर्रार अधिकारी की छवि के चलते यूपी पुलिस महकमे में उन्हें 'सिंघम' नाम से भी जाना जाता है. इनके नाम से खूंखार अपराधी भी थर-थर कांपते हैं. 


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300 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं प्रशांत कुमार 
पिछले साल दिसंबर माह में प्रशांत कुमार DG रैंक में प्रमोट हुए थे. कहा जाता है कि प्रशांत कुमार अब तक 300 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं. जबकि उनके कार्यकाल में एक हजार से अधिक माफिया और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर हुआ है. एडीजी जोन मेरठ रहने के दौरान उन्होंने कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उनको एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया था. उन्होंने प्रदेश के 66 माफिया की सूची तैयार कर कानून का शिकंजा कसना शुरू कर दिया. उनके नेतृत्व में एसटीएफ और जिलों की पुलिस ने एनकाउंटर करने का सिलसिला जारी रखा. 


यूपी में खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग का आतंक था. आईपीएस प्रशांत ने टीम के साथ मिलकर इन गैंग के कई अपराधियों का खात्मा किया. साल 2020 में चर्चित विकास दुबे एनकाउंटर के दौरान प्रशांत कुमार एडीजी लॉ एड ऑर्डर के पद पर तैनात थे. इस एनकाउंटर के स्क्रिप्टेड होने पर लगातार सवाल उठाए गए. तब बतौर एडीजी कानून व्यवस्था उन्होंने विकास दुबे के एनकाउंटर को सामान्य और वास्तविक बताया था. 


पत्नी सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर की रह चुकीं DM
प्रशांत कुमार 1990 बैच के यूपी कैडर के IPS अधिकारी हैं. उनके पिता का नाम ललन प्रसाद है. प्रशांत कुमार मूलतः बिहार के सिवान जिला अंतर्गत हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत स्थित हथौडी गांव के रहने वाले हैं. यूपीएससी की परीक्षा पास करने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA की पढ़ाई की थी. उनकी पत्नी डिंपल वर्मा भी IAS अधिकारी रह चुकी हैं. वर्तमान में वह UP RERA में सदस्य के तौर पर कार्यरत हैं. डिंपल यूपी के सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर की जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं. बतौर आईपीएस प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था. हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिंपल वर्मा से शादी के बाद यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए. 


वीरता के लिए मिल चुका सम्मान 
प्रशांत कुमार वीरता के लिए कई बार अलग-अलग पदकों से सम्मानित हो चुके हैं. प्रशांत कुमार को बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है. 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार से नवाजा गया. प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था. हाल ही में एडीजी प्रशांत कुमार को गणतंत्र दिवस के मौके पर गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह चौथी बार है, जब प्रशांत कुमार को यह मेडल मिला है. 


Prashant Kumar DGP: कौन हैं यूपी पुलिस के 'सिंघम' प्रशांत कुमार जो बने कार्यवाहक डीजीपी, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी रहे