SP-Congress Alliance: क्या यूपी में साथ आएंगे सपा और कांग्रेस, बीजेपी के खिलाफ बनेगा महागठबंधन?
विपक्षी दलों ने मंगलवार को बेंगलुरु में एकजुटता दिखाते हुए बड़ी बैठक की. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दलों के नेता यहां एक साथ एक मंच पर नजर आए. बैठक में विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम INDIA तय किया.
SP-Congress Alliance: विपक्षी दलों ने मंगलवार को बेंगलुरु में एकजुटता दिखाते हुए बड़ी बैठक की. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दलों के नेता यहां एक साथ एक मंच पर नजर आए. बैठक में विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम INDIA तय किया. इसका फुल फॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस है. बैठक में उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर साथ दिखे. खबरों की मानें तो उत्तर प्रदेश में 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन भी हो सकता है. आरएलडी पहले ही सपा के साथ है. मायावती को साथ लाने में कोई रुचि इन विपक्षी दलों ने नहीं दिखाई है.
बीते दिन हुई बैठक में अखिलेश यादव ने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि बीजेपी को हराने के लिए हम सभी एक होकर आगे बढ़ेंगे. वहीं, सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल ने कहा कि जिस राज्य में जो क्षेत्रीय शक्ति मजबूत है, उसी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा जाए. ऐसे में जाहिर है कि सपा यूपी में विपक्षी गठबंधन की कमान अपने हाथ में रखना चाहती है. बेंगलुरु मीटिंग में जाने से पहले ही अखिलेश यादव यूपी में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग का संकेत दे चुके हैं.
यूपी में INDIA का नेतृत्व करेंगे अखिलेश
सपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रवक्ता सुधीर पवार ने कहा, "हालांकि अब यूपी में एसपी, आरएलडी, कांग्रेस और अपना दल (के) हैं, लेकिन आने वाले समय में और भी एक साथ आने की संभावना है." उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक से यह स्पष्ट है कि सपा, कांग्रेस, रालोद और अपना दल (के) गठबंधन भाजपा को चुनौती देगा. अखिलेश यादव के पास कांग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन को सुचारू रूप से चलाने का व्यापक अनुभव है. गौरतलब है कि यूपी में सबसे अधिक 80 लोकसभा सीटें हैं. अब 32% वोट शेयर के साथ प्रमुख विपक्षी दल का नेता बनना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी और चुनौती है.
50 सीटों का चुनाव कर चुके अखिलेश
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सर्वे के बाद अखिलेश यादव सपा के लिए 50 सीटों का चुनाव कर चुके हैं. माना जा रहा है कि अन्य सीटों पर वह कांग्रेस और रालोद के साथ सीट शेयर करेंगे. संभव है कि यूपी में गठबंधन के तहत कांग्रेस 15-20 लोकसभा सीटों पर राजी हो सकती है. शेष सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे की जिम्मेदारी सपा को सौंपी जा सकती है.
2017 में फ्लॉप हुआ था कांग्रेस और सपा गठबंधन
गौरतलब है कि 2017 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और सपा साथ आए थे. गठबंधन का नारा था "यूपी को ये साथ पसंद है". हालांकि, राहुल और अखिलेश यादव के गठबंधन के बावजूद सपा को 47 और कांग्रेस को 7 सीटें ही मिल पाई थीं. उनका नारा बुरी तरह से फ्लॉप हो गया था. 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन को 111, जबकि कांग्रेस महज एक सीट ही जीत पाई थी. बसपा भी दो सीटों पर सिमट गई थी.
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