Supreme Court Of India: 1 अक्टूबर 1937 को फेडरल ऑफ इंडिया के तौर पर भारत की सबसे बड़ी अदालत की नींव रखी गई थी. इस समय भारत के सर्वोच्च न्यायालय बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता में थे. इसके बाद 1947 में देश को अंग्रेजों से आजादी मिली और 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान की स्थापना हुई, साथ ही यही वो दिन था जब देश में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना का भी ऐलान किया गया था. इसके ठीक दो दिन बाद  28 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत देश में सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व सामने आया. पहली अदालत संसद भवन के क्वींस कोर्ट में सुबह 9:45 बजे लगी थी.


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इसके बाद दिल्ली के तिलक नगर में इसकी नई इमारत बनाई गई. केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के पहले केंद्रीय अध्यक्ष गणेश भीकाजी देवलालीकर ने इंडो ब्रिटिश स्थापत्य शैली में इसका डिजाइन बनाया था. 22 एकड़ में बने इस परिसर में सुप्रीम कोर्ट साल 1958 में आया था. जो अब भी यहीं से संचालित होता है. देश के पहले मुख्य न्यायाधीश हरिलाल जेकिसुनदास कनिया थे. जिनका कार्यकाल 1950 से 6 नवंबर 1951 तक चला. जिसके बाद अब तक भारत में 50 मुख्य न्यायाधीश अपनी सेवा दे चुके हैं.


PM MODI करेंगे डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी को दोपहर 12 बजे सुप्रीम कोर्ट सभागार में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री कई प्रौद्योगिकी पहलों को लॉन्च करेंगे. इसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट, डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट शामिल है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी को दोपहर 12 बजे सुप्रीम कोर्ट सभागार में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नागरिक केंद्रित सूचना और टेक्नोलॉजी वेबसाइट लॉन्च करेंगे, जिसमें डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट शामिल हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को भी संबोधित करेंगे.


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1950 से अब तक 36,308 मामले दर्ज
डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (एससीआर) देश के नागरिकों को मुफ्त और इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को उपलब्ध कराएगी. डिजिटल एससीआर की मुख्य विशेषता यह हैं कि 1950 के बाद से 36,308 मामलों को कवर करने वाली सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट के सभी 519 खंड डिजिटल प्रारूप में, बुकमार्क किए गए, उपयोगकर्ता के अनुकूल और सभी लोगों की पहुंच के साथ उपलब्ध होंगे.


दो भाषा में उपलब्ध होगी नई वेबसाइट
डिजिटल कोर्ट 2.0 अनुप्रयोग जिला अदालतों के न्यायाधीशों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में अदालती रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए ई-कोर्ट परियोजना के अंतर्गत एक हालिया पहल है. इसे वास्तविक समय के आधार पर भाषण को मूल पाठ में बदलने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग के साथ जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट भी लॉन्च करेंगे. नई वेबसाइट अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में उपलब्ध होगी और इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस के साथ फिर से डिजाइन किया गया है.