Nirma Girl Story: 90 के दशक से लेकर आज तक आपने टीवी पर आने वाले ढेरों विज्ञापन देखे होंगे, जिनको हम समय बीतने के साथ भूल चुके होंगे.  लेकिन निरमा वाशिंग पाउडर बनाने वाली कंपनी के ऐड का जिंगल ''दूध सी सफेदी निरमा से आए, रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए, सबकी पसंद निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा'' शायद आप आज भी नहीं भूले होंगे. कभी न कभी ये लोगों की जुबां पर आ ही जाती हैं. 


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आमतौर पर प्रोडक्ट्स पर दिखने वाले चेहरे समय के साथ बदल जाते हैं.  लेकिन अगर आपने ध्यान दिया हो तो 90वे के दशक से लेकर आज तक निरमा वाशिंग पाउडर के पैकेट पर वही एक लड़की नजर आती है.  साल बदलते गए लेकिन जो चीज नहीं बदली वह थी उस लड़की की निरमा के पैकेट पर दिखने वाली तस्वीर. आपके मन भी सवाल कौंधता होगा कि आखिर इसकी क्या वजह है, चलिए आइए जानते हैं. 


निरमा वाशिंग पाउडर की शुरुआत साल 1969 में गुजरात से हुई, जब यहां सरकारी नौकरी करने वाले करसन भाई पटेल ने इसे शुरू किया. उनकी एक बेटी थी निरुपमा, जिसे वह प्यार से निरमा कहकर बुलाते थे. जिस बेटी को वह बुलंदियों पर देखना चाहते थे, उसे उन्होंने एक कार हादसे में खो दिया. बेटी की मौत से टूट चुके करसन भाई पटेल ने बाद में वाशिंग पाउडर बनाया, जिसका नाम उन्होंने 'निरमा' रखा. इसके पैकेट पर जिस लड़की की फोटो नजर आती है वह उनकी बेटी निरुपमा की ही है. 


करसन भाई पटेल का काम यहीं खत्म नहीं होता है, क्योंकि मार्केट में उनसे पहले ही कई मशहूर डिटर्जेंट पाउडर मौजूद थे. अब बारी थी इनका मुकाबला करने की. शुरू में वह खुद ऑफिस के बाद इनको बेचते थे. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी और यह लोगों को पसंद आने लगा. करसन भाई ने निरमा डिटर्जेंट पाउडर का विज्ञापन टीवी पर  दिए जाने का प्लान बनाया. जब उन्होंने ऐसा किया तो यह टीवी एड लोगों के बीच फेमस हो गया. बच्चा हो या बूढ़ा इस विज्ञापन की जिंगल हर किसी की जुबान पर चढ़ गयी. जिसके बाद यह गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में छा गया.