Yashasvi Jaiswal:  इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट में 434 रन की जीत रन के हिसाब से भारत की अब तक की सबसे बड़ी जीत है. राजकोट में चल रहे तीसरे टेस्ट क्रिकेट के चौथे दिन के खेल में आज यशस्वी जायसवाल ने अपना दूसरा दोहरा शतक बनाया हैं. ऐसा करने वाले यशस्वी जायसवाल तीसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं. इस उपलब्धि से यशस्वी के पैतृक घर पर परिवार में जश्न का माहौल है. यशस्वी के बड़े पिता की इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर उनको बधाई देने वालो का तांता लगा है, लोग एक दूसरे को मिठाई खिला रहे है.जायसवाल ने 231 गेंदों में 14 चौके और 10 छक्‍के की मदद से अपना दोहरा शतक पूरा किया.  इसके बाद तीसरी और चौथी गेंद पर जायसवाल ने लगातार दो छक्‍के जड़कर वसीम अकरम के वर्ल्‍ड रिकॉर्ड की बराबरी की है.  


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सुरियावां नगर के रहने वाले हैं यशस्वी 
यशस्वी भदोही जिले के सुरियावां नगर के रहने वाले है. उनके पिता एक पेंट हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. बचपन से ही यशस्वी को क्रिकेट का शौक था उनकी जिद थी की वह बड़े लेवल पर क्रिकेट खेलें, लेकिन घर की माली हालत ठीक न होना उनके सपनों के आड़े आ रहा था. फिर भी उसके परिजनों ने किसी तरह यशस्वी को मुंबई को भेजा.


 यशस्वी का एक समय


भदोही के छोटे से कस्बे के रहने वाले क्रिकेटर यशस्वी का एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें अपना खर्च निकालने के लिए मुंबई में गोलगप्पे तक बेचने पड़े थे. आज यशस्वी जायसवाल क्रिकेट के मैदान में धमाल मचाते नजर आ रहे हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. 


यशस्वी की मां ने कहा


यशस्वी की मां कंचन जायसवाल ने कहा कि मैच देखने के दौरान हम लोग तो खुशी से रोने लगते हैं, जो हम चाहते थे हमारे बेटे ने वह करके दिखाया. उन्होंने कहा कि मैं यही चाहती हूं कि वह ऐसे ही मेहनत करता रहे और एक दिन वह और बड़े मुकाम पर पहुंचे. वहीं, यशस्वी के पिता भूपेंद्र जयसवाल ने कहा कि हमारा यही सपना है कि बेटे का इंडिया टीम में सिलेक्शन हो. उन्होंने कहा कि उनको पूरा भरोसा है कि एक दिन बेटे की मेहनत जरूर रंग लाएगी. 


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