UP चुनाव: योगी सरकार 2022 के रण से पहले विपक्ष को मुद्दाविहीन करने की रणनीति पर कर रही काम
उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है. इस महासमर में उतरने से पहले सूबे की योगी सरकार विरोधियों को पूरी तरह मुद्दा विहिन करने की रणनीति पर काम कर रही है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है. इस महासमर में उतरने से पहले सूबे की योगी सरकार विरोधियों को पूरी तरह मुद्दा विहिन करने की रणनीति पर काम कर रही है. बीते दिनों अनुपूरक बजट में इसकी झलक देखने को मिली. भाजपा चुनाव से पहले ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं छोड़ना चाहती है, जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों उसको ललकार सकें.
अनुपूरक बजट में चुनावी तैयारियों की झलक मिली
कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खिलाफ मजबूत चिकित्सा तंत्र विकसित करना, अधिकतम लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाकर उन्हें इस महामारी से सुरक्षित करना, राम मंदिर निर्माण में तेजी लाना, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, विंध्याचल कॉरिडोर का विकास, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं. अनुपूरक बजट में बजटीय प्रावधानों पर नजर डालें तो पाएंगे कि विपक्षी पार्टियों का जो मुद्दा था, उसे ही साधने की कोशिश हुई है.
कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण का खूब प्रचार
विपक्षी पार्टियां कोरोना मैनेजमेंट, वैक्सीनेशन कैम्पेन, रोजगार, कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स इत्यादि को मुद्दा बना रही थीं. अब योगी सरकार यह प्रचारित करने में सफल रही है कि देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोरोना महामारी पर शानदार तरीके से काबू पाया है. कोरोना वैक्सीनेशन में भी यूपी देश में नंबर वन है, टेस्टिंग में भी. संभावित तीसरी लहर के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा चुका है.
एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन वितरण
अनुपूरक बजट में मुख्यमंत्री ने उन सभी बचे रह गए समूहों के लिए प्रविधान किए हैं, जो पहले किसी न किसी योजना से आच्छादित होने से रह गए थे. उन मदों के लिए भी प्रविधान किए गए हैं, जो पिछले चुनाव में भाजपा के संकल्प पत्र का हिस्सा थे, लेकिन उन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सका. बजट चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौजवानों के लिए यह घोषणा कर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए कि 1 करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन दिया जाएगा.
प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों, फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए
टैब या फोन पाने के पात्र स्नातक, परास्नातक, तकनीकी या डिप्लोमा के छात्र होंगे. जरूरत के अनुसार डिजिटल एक्सेस भी मुफ्त मिलेगा. दरअसल, इस श्रेणी में वही छात्र आते हैं, जिन्होंने कोविड के चलते पढ़ाई में सर्वाधिक बाधाएं झेली हैं. यह वर्ग आगामी विधानसभा चुनाव में ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ भी होगा. रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष को चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने उन प्रतियोगी छात्रों को 3 परीक्षाओं तक भत्ता देने की घोषणा की है जो रोजगार के लिए प्रयासरत हैं.
संस्कृत छात्रों के लिए पहली बार छात्रवृत्ति की व्यवस्था
अनुपूरक बजट में इसके लिए कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड, अन्य वित्तीय संस्थाओं और विश्वविद्यालयों के सहयोग से 3000 करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित किए जाने की घोषणा हुई है. विपक्षी पार्टियां खासकर बसपा अपने सम्मेलनों में भाजपा पर संस्कृत विद्यालयों को बंद करने के आरोप लगा रही है. योगी सरकार ने पहली बार संस्कृत छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था की है. साथ ही मानदेय के आधार पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती की घोषणा भी हुई है.
वकीलों को सामाजिक सुरक्षा, कर्मियों को बढ़ा मानदेय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार सेवकों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं सहित उन सभी कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की है जिन्होंने कोरोना काल में शानदार काम किया है. अनुपूरक बजट में इसके लिए राशि का आवंटन भी किया गया है. योगी सरकार ने अधिवक्ताओं को सामाजिक सुरक्षा देने का ऐलान किया है और इसकी राशि डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने जा रही है.
चुनावी साल में जन आशीर्वाद यात्रा से माइक्रो मैनेजमेंट
इन सब कार्यों के जरिए योगी सरकार ने मतदाताओं के उन छोटे-छोटे समूहों को साधने की कोशिश की है, विपक्ष जिन्हें मुद्दा बना रहा था. इस तरह चुनावी रैलियों में विपक्षी नेता जब इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश करेंगे तो भाजपा नेताओं के पास जवाब मौजूद होगा. साथ ही जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर आर्थिक/सामाजिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के मंत्रियों का जनता से परिचय कराने की रणनीति भी चुनाव से पहले वार्म-अप एक्सरसाइज की तरह है.
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