योगी के मंत्री की अमेरिका को सलाह, भारत से रिश्ता चाहिए तो UP को इग्नोर नहीं कर सकते
निवेश की संभावनाएं तलाशने अमेरिका गए हैं उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, कई अहम समझौते हुए
नई दिल्ली: यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि अगर अमेरिका को भारत के साथ मिलकर तरक्की करनी है तो उसे यूपी की जरूरत पड़ेगी. सिद्धार्थनाथ सिंह यूपी के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर अमेरिका गए हैं. वाशिंगटन में उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार को यह समझना होगा कि अगर उसे भारत के साथ कारोबार बढ़ाना है तो यूपी इसमें सबसे मजबूत कड़ी होगा. अन्य राज्यों में भी अमेरिकी कंपनियां कारोबार फैला सकती हैं. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अगर भारत का हेल्थ इंडेक्स सुधारना है तो इसकी शुरुआत यूपी से ही होगी, क्योंकि आबादी के लिहाज से यूपी बड़े जनसंख्या घनत्व वाले भारतीय राज्यों में से एक है.
यूपी में निवेश की अपार संभावनाएं
सिंह इस दौरान कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से भी मिले. इसके बाद उन्होंने अमेरिकी सरकार के अफसरों से मुलाकात की और यूपी में निवेश के लिए उन्हें प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनियां यूपी में निवेश करेंगी तो इससे उनके कारोबार में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि यूपी बहुत बड़ा बाजार है और तमाम संभावनाएं हैं. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां रक्षा निर्माण, आईटी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में नए अवसर के लिए हब विकसित करने का ऐलान किया था. इसमें भारत के बड़े कॉरपोरेट-टाटा समूह, रिलायंस और अडानी ग्रुप ने निवेश में दिलचस्पी दिखाई है. कुछ बड़े शैक्षिक संस्थानों ने भी यहां अपने केंद्र खोलने का प्रस्ताव किया है.
ये बड़े कांट्रेक्ट साइन हुए
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ कुछ समझौते किए हैं. मीडिया रिपोर्टों में दावा है कि ये समझौते वैक्सीन, रेडिएशन एंड कैंसर बॉयोलॉजी सेंटर से संबंधित हैं. इसके तहत यूनिवर्सिटी यूपी में सहयोगी बढ़ाएगी. यूपी में विश्वविद्यालय एक एनालिटिकल डेटा सेंटर भी खोल सकता है.
इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
सिद्धार्थनाथ सिंह के कार्यक्रम में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य कम्पनियों में से एक ‘मेडट्रॉनिक’ के अधिकारियों से भी मिलने का कार्यक्रम था. यह कंपनी उत्तर प्रदेश के हर जिले में कैथ लैब खोलने में दिलचस्पी ले रही है. प्रदेश के द्वितीय श्रेणी के शहरों में अपनी सेवा का विस्तार करने की इच्छुक ‘उबर‘ के अधिकारियों से भी मुलाकात करना कार्यक्रम का हिस्सा था. मास्टरकार्ड और वीजा कार्ड ने भी उत्तर प्रदेश में अपना व्यापार फैलाने में रुचि दिखाई है.