उन्नाव कांड: ड्राइवर-क्लीनर का होगा नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग, CBI जांच टीम को मिली परमिशन
सीबीआई जांच टीम की अर्जी और अभियुक्तों की सहमति पर दिया है. इसके साथ ही अभियुक्तों को 14 अगस्त की चार बजे तक सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का भी आदेश दिया है.
लखनऊ: सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने रायबरेली में उन्नाव रेपकांड की पीड़िता की कार में हुए एक्सीडेंट के मामले में निरुद्ध ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल और क्लीनर मोहन श्रीवास का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट और ब्रेन फिंगर प्रिन्टिंग टेस्ट विधिनुसार कराने की अनुमति सीबीआई जांच टीम को दी है.
जांच टीम ने मांगी थी अनुमति
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को सीबीआई के डिप्टी एसपी राम सिंह ने अभियुक्तों का यह सभी टेस्ट कराए जाने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा था कि इस मामले की विवेचना के लिए अभियुक्तों की यह सभी टेस्ट कराया जाना अति आवश्यक है.
अभियुक्तों की सहमति पर दिया आदेश
उन्होंने यह आदेश सीबीआई जांच टीम की अर्जी और अभियुक्तों की सहमति पर दिया है. इसके साथ ही अभियुक्तों को 14 अगस्त की चार बजे तक सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का भी आदेश दिया है.
सेंगर पर रेप, पॉक्सो और अपहरण के आरोप तय
उन्नाव रेप मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, अपहरण की धाराओं में आरोप तय किए हैं. इससे पहले कोर्ट की ओर से जारी प्रोडक्शन वारंट के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद कोर्ट ने सेंगर को तिहाड़ जेल भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पांच मामले में से रोड एक्सिडेंट को छोड़कर बाकी चार मामले को तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किए गए थे. ये 5 केस जिला जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में ट्रांसफर हुए है. तीस हजारी कोर्ट को 45 दिन में ट्रायल पूरा करना है.
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28 जुलाई को रायबरेली में हुआ था हादसा
28 जुलाई को पीड़िता अपने पारिवारिक सदस्यों और वकील के साथ अपने चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी. तभी रायबरेली में उसकी कार को एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी. इस हादसे में पीड़िता की चाची, मौसी और ड्राइवर की मौत हो गई जबकि खुद पीड़िता और उनके वकील की हालत गंभीर है. दोनों दिल्ली के एम्स में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
30 जुलाई को पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराया था केस
30 जुलाई को पीड़िता के चाचा महेश सिंह ने एक्सीडेंट के इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य को नामजद करते हुए हत्या, हत्या की साजिश, हत्या का प्रयास और जानमाल की धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी.