नई दिल्ली: लखनऊ में योगी सरकार की कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों के 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. यूपी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू होगा. आरक्षण 14 जनवरी 2019 से मान्य होगा. गुजरात और झारखंड के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला तीसरा राज्य बन गया है. 


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सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण को लागू किया है. आपको बता दें कि गुजरात ने सबसे पहले 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई. बैठक के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य में केंद्र के प्रस्ताव को हूबहू लागू किया जाएगा. 



आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से हाल ही में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा के बाद गुजरात 14 जनवरी इसे लागू करने वाला पहला राज्‍य बन जाएगा. सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा और राज्‍यसभा में पास होने के बाद राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार (12 जनवरी) को इस बिल को मंजूरी दी है. 


गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रुपानी ने शनिवार को जानकारी दी कि राज्‍य में इस आरक्षण को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्‍थानों में 14 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा. इसका फायदा आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिलेगा. वहीं, गुजरात के बाद झारखंड ने भी इसे लागू किया. 


आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे सामान्य वर्ग परिवार इस आरक्षण के हकदार होंगे जिनकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम होगी, जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी, जिनका घर 1000 स्क्वेयर फीट से कम क्षेत्रफल का हो, अगर घर नगरपालिका में होगा तो प्लाट का आकार 100 यार्ड से कम होना चाहिए और अगर घर गैर नगर पालिका वाले शहरी क्षेत्र में होगा तो प्लाट का आकार 200 यार्ड से कम होना चाहिए.