Ballia Shiv Mandir: यूपी में भगवान शिव का वो शोकहरण मंदिर, औरंगजेब की तलवार भी जिस शिवलिंग को हिला न पाई
Ballia Shiv Mandir: बलिया धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर है. यह धरती बड़ी पावनी और तपोस्थली के नाम से भी जानी जाती है. आज हम यहां के ऐसे प्राचीन महादेव मंदिर की बात करेंगे जो न केवल ऐतिहासिक है बल्कि पौराणिक भी है. यहां हर समय श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
Ballia Shiv Mandir: वैसे तो पूरे देश में कई प्रसिद्ध और पौराणिक शिव मंदिर हैं, लेकिन आज हम बलिया के एक ऐसे शिव मंदिर की बात करेंगे जो अपने बेहद अद्भुत हैं और इसकी कहानी लोगों को आज भी हैरान करती है. जी हां, यहां एक ऐसा शिवलिंग है, जिसपर आज भी तलवार के निशान मौजूद हैं. मान्यता है कि मुगलकाल में औरंगजेब ने तलवार से इस शिवलिंग पर वार किया था तो शिवलिंग से खून की धार निकल पड़ी थी. जिसे देखकर औरंगजेब के साथ आए सैनिक भी घबराकर भाग खड़े हुए थे. ये मंदिर बलिया के असेगा गांव में है और शोकहरण नाथ मंदिर के नाम से मशहूर है.
शिव मंदिर की मान्यता
महादेव के इस प्राचीन मंदिर के परिसर में दीपक जलाने का भी बड़ा महत्व है. यहां हजारों दीपक हर समय प्रज्वलित रहते हैं. शिव भक्तों का मानना है कि जो भी भक्त इस दरबार में सच्चे मन से अपनी मुराद मांगते हैं, उसकी मुराद पूरी होती है. उनके हर दुखों के हरने के साथ ही भगवान भोलेनाथ उनकी झोलियां खुशियों से भर देते हैं. वहीं मंदिर के पुजारी की मानें तो यह मंदिर काफी प्राचीन है. यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है और सावन में तो जन सैलाब उमड़ जाता है.
मंदिर के निर्माण का रहस्य
पुजारी की मानें तो इस क्षेत्र में सुरथ नाम के एक राजा हुआ करतें थे. वह अपने पुत्र के कर्मों से हमेशा दुखी रहते थे. जिसके समाधान को लेकर राजा सुरथ मेघा ऋषि के पास गए. मेघा ऋषि ने राजा को भगवान शिव की तपस्या करने का उपाय बताया. राजा सुरथ ने सालों तक महादेव की तपस्या की. राजा सुरथ की तपस्या से खुश होकर भोलेनाथ ने लिंग के रूप में राजा सुरथ को दर्शन दिए. राजा सुरथ ने प्रकट शिवलिंग को वहां स्थानांतरित कर असेगा ले आए और यहां स्थापित कर नित्य उसकी पूजा-अर्चना करने लगे. धीरे-धीरे राजा के सभी दुख व कष्ट दूर हो गये. इसी वजह से शिवलिंग का नाम शोकहरण नाथ पड़ गया.
तलवार से औरंगजेब ने किया था वार
मंदिर के अस्तित्व को खत्म करने के लिए मुगल काल में औरंगजेब ने कोशिश की थी. कहा जाता है कि इसी शिवलिंग पर औरंगजेब ने अपनी तलवार से वार किया था.जिसके बाद शिवलिंग से खून की धार निकलने लगी थी. जिसको देखकर औरंगजेब के साथ आए उसके सैनिक भी घबरा गए थे और घटनास्थल से भाग खड़े हुए थे. आज भी शिवलिंग पर तलवार का निशान बना हुआ हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.
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