Chaudhary Charan Singh Biography: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गई. उनके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है.


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पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, '' यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है.''



आजादी के लिए कई बार जेल गए
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के नूरपुर (मेरठ) में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था. शुरुआती शिक्षा खुर्द गांव में हुई. इसके बाद साल 1923 में उन्होंने आगरा कॉलेज से बीएससी और इतिहास में एमए किया. 1929 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. उनकी पहचान किसान नेता के तौर पर होती है. किसानों के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया. भारत की आजादी के लिए वह कई बार जेल भी गए. उनके सम्मान में हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है.


1969 में संभाली सीएम की कुर्सी
1967 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बहुमत हासिल करने में नाकामयाब रही. चरण सिंह और साथियों के दलबदल से कांग्रेस सरकार गिर गई. इसके बाद चरण सिंह ने प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेस सरकार बनाई. 1970 में एक बार फिर वह यूपी के मुख्यमंत्री बने. 


भारत के 5वें प्रधानमंत्री रहे
आपात काल के बाद 1977 में आम चुनाव हुआ तो केंद्र में जनता पार्ट की सरकार बनी. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने . जबकि चरण सिंह को गृहमंत्री बनाया गया. चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980  तक समाजवादी पार्टियों और कांग्रेस यू के सहयोग से प्रधानमंत्री रहे. वह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने. हालांकि उनका कार्यकाल केवल साढ़े पांच महीने तक चला. वह एक भी दिन संसद नहीं जा पाए थे. 


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किसान नेता की पहचान
चौधरी चरण सिंह ने अपना जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में गुजारा. वह किसानों से जुड़े मुद्दों पर सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद करते रहे. यूपी में वह भूमि सुधारों के मुख्य वास्तुकार थे. उन्होंने 1939 में डिपार्टमेंट रिडेम्पशन बिल के निर्माण और अंतिम रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई. इससे देनदारों को बड़ी राहत मिली. 


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बेटे के बाद पोता संभाल रहा राजनीतिक विरासत 
पूर्व प्रधानमंत्री के बेट चौधरी अजीत सिंह का भी राजनीति में दबदबा रहा. वह भारत के कृषि मंत्री रहे और  2011 में यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. राष्ट्रीय लोक दल के लम्बे समय तक अध्यक्ष रहे. अजीत सिंह बागपत से सांसद भी रहे थे, कोरोना के चलते 6 मई 2021 को गुरुग्राम में उनकी मृत्यु हो गयी. मौजूदा समय में चौधरी चरण सिंह के पोते जंयत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष हैं. 


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