Kisan Andolan: उत्तर प्रदेश, हरियाणा-पंजाब समेत कई राज्यों के किसान विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं. 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया गया है, साथ ही मांगों के पूरा न होने पर दिल्ली सहित देश के अन्य जगहों पर राजमार्गों को बंद करने की तैयारी है. किसान आंदोलन ने एक बार फिर केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आखिर किसान एक बार फिर क्यों आंदोलन कर रहे हैं और उनकी क्या मांगें हैं. आइए जानते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों आंदोलन कर रहे किसान?
किसानों की प्रमुख मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून, किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी सहित 12 प्रमुख मांगें हैं. इसकी के चलते यूपी, पंजाब-हरियाणा से किसानों के जत्थे दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं. इस बार किसान आंदोलन की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा से नहीं हो रही है बल्कि इसे हरियाणा-पंजाब सहित कई राज्यों के किसान संगठनों के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है. 


MSP की मांग
किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को लेकर है.  स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के तहत सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए. 


कर्जमाफी
किसानों की मांग हैं कि सरकार सभी किसानों का सरकारी और गैरसरकारी कर्ज माफ करे. इसके पीछे किसानों ने तर्क दिया है कि अगर उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जा सकता है, तो किसानों का क्यों नहीं. 


वापस लिए जाएं मुकदमे
किसान मांग कर रहे हैं कि साल 2021-22 के किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए. साथ ही आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवार में एक-एक सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाए.


किसान आंदोलन के कारण ट्रैफिक अलर्ट, दिल्ली-गाजियाबाद जाने से पहले पढ़ें एडवाइजरी


 


किसान-खेतिहर मजदूरों को पेंशन
किसानों की प्रमुख मांग में खेतिहर मजदूरों और किसानों को पेंशन दी जाए. 60 साल के बाद किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन की मांग शामिल है. 


कृषि को मनरेगा से जोड़ें
किसानों की मांग है कि खेती को मनरेगा से जोड़कर वर्ष में 200 दिन का न्यूनतम रोजगार और 700 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी प्रदान की जाए.


पूरी की जाएं मांग
केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, उनको तुरंत पूरा किया जाए. 


नेताओं की गिरफ्तारी
किसान लखीमपुर कांड में कथित तौर पर शामिल कुछ नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सजा की मांग कर रहे हैं. 


kisan Andolan Live: दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर महाजाम, रेंग रही हैं कारें


 


जमीन लेने के लिए किसानों की सहमति
आंदोलन कर रहे किसान भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव कर जमीन को लेने के लिए किसानों की अनुमति को अनिवार्य करने और बाजार मूल्य से चार गुना पैसा निश्चित करने की मांग कर रहे हैं. 


इसके अलावा किसान विश्व व्यापार संगठन से हटने और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध, नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त जुर्माना और बीज की गुणवत्ता में सुधार, मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन करने की मांग कर रहे हैं. 


UP के 27 जिलों में बारिश का अलर्ट, ओले गिरने की आशंका,जानें आपके शहर में मौसम का हाल