फिल्मों के बड़े शौकीन थे सैम मानेक शॉ, जब युद्ध ने टाल दी राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर की फिल्म की स्क्रीनिंग
Sam Manekshaw: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के नायक सैम मानेक शॉ फिल्मों के बड़े शौकीन थे. जब युद्ध ने टाल दी राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर की फिल्म की स्क्रीनिंग.
who is Sam Manekshaw: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध की बात हो तो फील्ड मार्शल सैम मानेक शॉ को कौन भूल सकता है. लेकिन भारत की विजय और बांग्लादेश के अहम किरदार मानेक शॉ के कुछ रोचक किस्से भी हैं, जो आप शायद नहीं जानते होंगे. अब तो उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म सैम बहादुर भी सुर्खियों में है.
सैम मानेक शॉ को फिल्मों का बहुत शौक था. खासकर शर्मिला टैगोर को वो बहुत पसंद करते थे. शर्मिला टैगोर के 1969 में निकाह के वक्त सैम मानेकशॉ की कार में ही घर तक पहुंची थीं. ये शादी कोलकाता में हो रही थी और शर्मिला ने क्रिकेटर और पटौदी के नवाब मंसूर अली खान से निकाह किया था. दो अलग-अलग धर्मों के बीच इस हाईप्रोफाइल शादी और बंगाल में मची उथल पथल के बीच हिंसा का डर था. ऐसे में फोर्ट विलियम के ऑफिसर्स क्लब में वेडिंग रिसेप्शन के बाद सैम मानेक शॉ की गाड़ी में बैठकर जोड़ा अपने घर पहुंचा.मानेक शॉ की 1937 मॉडल की ऑस्टिन शीरलाइन कार ऑफिसर्स क्लब के बाहर ठहरी थी और नवविवाहित जोड़े को घर तक महफूज पहुंचवाया.
मानेकशॉ फिल्मों की दीवानगी जुनून के हद तक थी. 1971 में शक्ति सामंत की फिल्म अमर प्रेम की स्क्रीनिंग उन्होंने खुद दिल्ली में रखवाई. राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर भी मानेक शॉ के इस आयोजन में पहुंचे. लेकिन अगले दिन भारत पाकिस्तान युद्ध का ऐलान हो गया और फिल्म की रिलीज टल गई.
अपने तलवार जैसी तीखी मूंछों वाले मानेकशॉ का जन्म तीन अप्रैल 1914 को अमृतसर में हुआ था. उनका नाम सैम होरमुसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ था.उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया. ट्रेनिंग के दिनों में अंग्रेज़ अफसरों ने उनका नाम सैम मैकिंटॉश रख दिया. लेकिन गोरखा रेजिमेंट में आने-जाने के दौरान सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें सैम बहादुर कहके पुकारा और उनका ये नाम भी प्रचलति हो गया.