उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब जिला कौन सा है, अब झेल रहा नई मुसीबत
उत्तर प्रदेश के तमाम जिले ऐसे हैं, जहां अभी भी गरीबी रेखा से नीचे काफी संख्या में लोग रह रहे हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में काफी गिरावट आई है, लेकिन अभी भी काफी कुछ प्रगति बाकी है.
Bahraich News in Hindi: उत्तर प्रदेश में पिछले दो दशकों में खूब तरक्की हुई है.शहरीकरण के साथ केंद्र और राज्य की तमाम योजनाओं से गरीबी भी कम हुई है. लेकिन क्या आपको पता है कि यूपी का सबसे अमीर या सबसे गरीब जिला कौन सा है. आपके जनरल नॉलेज के लिए बता दें कि यूपी का सबसे गरीबी वाली जिला बहराइच है, जो इन दिनों भेड़ियों के आतंक का सामना कर रहा है. भेड़ियों के हमले में अब तक दस लोगों की जानें जा चुकी हैं. लेकिन कई ग्रामीणों के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वो घर में दरवाजे लगवा सकें. प्रशासन उनकी अब मदद कर रहा है.
नीति आयोग की रिपोर्ट...
नीति आयोग की 2023 में रिपोर्ट जारी की थी, इसमें उत्तर प्रदेश समेत देश के सारे जिलों में गरीबी को लेकर तमाम पहलू पर आकलन किया गया था. इसमें यूपी में बहराइच को सबसे गरीब जिला पाया दया. बहराइच जिले में गरीबी की दर 55 फीसदी पाई गई. हालांकि पिछले सात वर्षों में इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है. वर्ष 2016 में यह गरीबी दर 72 फीसदी पर थी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के चलते सात साल में गरीबी दर 17 फीसदी तक घटी है.
बहराइच की नेपाल सीमा के साझेदारी
बहराइच देवीपाटन मंडल के तहत आता है. 4697 वर्ग किमी के देवीपाटन मंडल में इसकी हिस्सेदारी 32 फीसदी है. बहराइच नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है. बाराबंकी और सीतापुर इसके पड़ोसी जिले हैं. दूसरी और लखीमपुर खीरी और गोंडा और श्रावस्ती जिले से भी इसकी सीमा मिलती है.तराई क्षेत्र में आने की वजह से यह घने जंगलों से घिरा है. कतरनियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य भी इसी के तहत आता है.बहराइच में निशंगरा, चकिया, सुजौली, मिहिनपुरवा, बिची और बाघौली मुख्य वन क्षेत्र हैं. सरयू और घाघरा के साथ नेपाल से नदियों का पानी अक्सर यहां बाढ़ की समस्या खड़ी करता है.
अगर यूपी के पांच सबसे ज्यादा गरीब जिले की बात की जाए तो बहराइच के अलावा श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, सीतापुर का नाम आता है. हालांकि श्रावस्ती में भी गरीबी दर 74 से घटकर 50 फीसदी, बलरामपुर में 70 से 42 फीसदी, बदायूं में 57 के मुकाबले 40 और सीतापुर में 57 से 40 फीसदी आ चुकी है. ये आंकड़े 2016 से 2023 के बीच के हैं.