Dehradun Schools: सभी माता-पिता अपने बच्चों को हर एक चीज़ बेस्ट देना चाहते है चाहे वो खाना हो, कपड़े हो, या स्कूल. हमारे पेरेंट्स हमे एक अच्छे स्कूल में पढ़ाने के लिए मोटी फीस भरने को भी तैयार रहते है. ऐसा ही उत्तराखंड के देहरादून में स्थित द दून स्कूल देश-विदेश में मशहूर है जहां माता-पिता अपने बच्चे को पढ़ाने का सपना देखते है क्योंकि यहां एडमिशन मिलना आसान नहीं है. वहीं अगर आपको एडमिशन मिल गया तो यहां कि फीस भरना मुश्किल हो जाता है. 


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'द दून स्कूल की स्थापना 
आप भारत में अपने बच्चों को कही भी पढ़ा ले उनकी स्कूल की फीस लाखों में रहती है. आज के समय में बच्चों को पढ़ाना आसान काम नहीं है. बहुत से लोग तो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए लोन तक ले लेते है. देहरादून में स्थित 'द दून स्कूल' भी उनमें से एक है जो देश का सबसे महंगा स्कूल है. इसकी स्थापना 10 सितंबर 1935 में की गई थी. 86 साल बाद भी ये उतना ही प्रसिद्ध है जितना शुरुआती सालों में थी. 'द दून स्कूल' बॉयज प्राइवेट बोर्डिंग स्कूल है. वकील सतीश रंजन दास ने ब्रिटिश स्कूल की तर्ज पर इसकी स्थापना की थी. 


केवल लड़को का होता है एडमिशन
इस स्कूल के पहले हेडमास्टर आर्थर ई. फ़ुट थे. उन्होंने इंग्लैंड के ईटन कॉलेज में 9 सालों तक साइंस की पढ़ाई की थी. इस स्कूल का कैंपस 70 एकड़ में फैला हुआ है जहां की हरियाली हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां 12 से 18 साल के लड़कों का एडमिशन किया जाता है. यहां छात्राएं नहीं पढ़ती है. यहां बच्चों का एडमिशन कराने के लिए कठिन टेस्ट और इंटरव्यू देना पड़ता है. यहां सिर्फ 7 और 8 क्लास में एडमिशन मिलता है. कक्षा 7वीं के लिए जनवरी में एडमिशन होते है तो वहीं 8वीं के लिए अप्रैल में एडमिशन किए जाते है. यहां केवल 500 स्टूडेंट्स पढ़ते है. सभी छात्र और शिक्षक एक ही साथ कैंपस में रहते है. 


स्कूल की फीस उड़ाती है होश
'द दून स्कूल' की फीस आपके होश उड़ा देगी. द दून स्कूल की फीस 11,95,000 रुपये प्रति वर्ष है. यहां की एडमिशन फीस 5,00,000 रुपये है, सिक्योरिटी फीस 6,00,000 रुपये और इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति साल 25,000 रुपये है. 


नामी हस्तियों ने यहां पढ़ाई की है
देश-विदेश में प्रसिद्ध इस स्कूल में कई नामी हस्तियों ने पढ़ाई की है. 'द दून स्कूल,' देहरादून के एल्युमनाई में राजीव गांधी, राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नवीन पटनायक, जितिन प्रसाद, मणिशंकर अय्यर, अमिताव घोष, विक्रम सेठ, तरुण ताहिल्यानी, संदीप खोसला, अली फजल, चंद्रचूड़ सिंह और अभिनव बिंद्रा जैसे नाम शामिल हैं. फिलहाल यहां के चेयरमैन सुनील के मंजुल है वहीं यहां के हेडमास्टर डॉ जगप्रीत सिंह है. 


वेल्हम बॉयज़ स्कूल 
वेल्हम बॉयज़ स्कूल भी देहरादून के प्रसिद्ध स्कूलों कि लिस्ट में शामिल है. 1937 में स्थापित ये स्कूल भी सिर्फ लड़कों के लिए है. 30 एकड़ क्षेत्र में हिमालय की तलहटी में बसा यह बोर्डिंग स्कूल दून घाटी की पहाड़ियों और नदियों के बीच स्थित है. अलग-अलग जगहों से छात्रा यहा पढ़ने आते है. यहां 4थीं से लेकर 9वीं कक्षा तक एडमिशन होता है. यहां कि लाइब्रेरी में आपको देश-दुनिया की 25000 से ज्यादा किताबें मिलेंगी. अगर हम यहां से संस्थापक के बारे में बात करें तो उनका नाम हरसिलिया सूसी ओलिफ़ैंट है. आज कैंपस में शिक्षकों और छात्रों का अनुपात 9:1 है. यहां भी कई प्रसिद्ध हस्तियों ने पढ़ाई की है जैसे स्वामीनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर, जायद खान, संजय गांधी, राजीव गांधी, विक्रम सेठ, धैर्य करवा, मियांगुल औरंगजेब, वजाहत हबीबुल्लाह, कुँवर सुशांत सिंह, मंसूर अली खान पटौदी, जुबिन नौटियाल, विकास कुमार, मणि शंकर अय्यर, नवीन पटनायक. यहां फिलहाल 650 से ज्यादा छात्रा पढ़ रहे है. यहां के प्रिंसिपल का नाम संगीता कैन है. यहा की फीस 9,30,000 रुपये प्रति वर्ष है. यहां की एडमिशन फीस 15,000 रुपये है, सिक्योरिटी फीस 2,85,000 रुपये और इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति साल 60,000 रुपये है. 


देहरादून के और प्रसिद्ध स्कूल
वेल्हम बॉयज़ स्कूल भी देहरादून के प्रसिद्ध स्कूलों कि लिस्ट में शामिल है. 1937 में स्थापित ये स्कूल भी सिर्फ लड़कों के लिए है. 30 एकड़ क्षेत्र में हिमालय की तलहटी में बसा यह बोर्डिंग स्कूल दून घाटी की पहाड़ियों और नदियों के बीच स्थित है. अलग-अलग जगहों से छात्रा यहा पढ़ने आते है. यहां 4थीं से लेकर 9वीं कक्षा तक एडमिशन होता है. यहां कि लाइब्रेरी में आपको देश-दुनिया की 25000 से ज्यादा किताबें मिलेंगी. अगर हम यहां से संस्थापक के बारे में बात करें तो उनका नाम हरसिलिया सूसी ओलिफ़ैंट है. आज कैंपस में शिक्षकों और छात्रों का अनुपात 9:1 है. यहां भी कई प्रसिद्ध हस्तियों ने पढ़ाई की है जैसे स्वामीनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर, जायद खान, संजय गांधी, राजीव गांधी, विक्रम सेठ, धैर्य करवा, मियांगुल औरंगजेब, वजाहत हबीबुल्लाह, कुँवर सुशांत सिंह, मंसूर अली खान पटौदी, जुबिन नौटियाल, विकास कुमार, मणि शंकर अय्यर, नवीन पटनायक. यहां फिलहाल 650 से ज्यादा छात्रा पढ़ रहे है. यहां के प्रिंसिपल का नाम संगीता कैन है. यहा की फीस 9,30,000 रुपये प्रति वर्ष है. यहां की एडमिशन फीस 15,000 रुपये है, सिक्योरिटी फीस 2,85,000 रुपये और इंसीडेंटल एक्सपेंस प्रति साल 60,000 रुपये है. 


सेंट जोसेफ अकादमी
सेंट जोसेफ अकादमी 1934 में स्थापित एक कैथोलिक स्कूल है. यहां छात्रा-छात्राएं दोनों ही है. वर्तमान में, स्कूल में छात्रों की संख्या 3400 और 120 शिक्षक हैं. यहां के पहले प्रिंसिपल केओघ एसजेए थे. इसमें क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, लॉन टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और शतरंज की टीमें हैं। छात्र अंतर-सदनीय कार्यक्रमों के साथ-साथ अंतर-स्कूल कार्यक्रमों में भी प्रतिस्पर्धा करते हैं. अभिमन्यु ईश्वरन, अनिरुद्ध थापा, अरविंद कृष्णा, जुबिन नौटियाल, कायदोर औकात्संग, नवतेज सरना, नितिन सहरावत, प्रह्लाद कक्कड़, प्रणति राय प्रकाश, प्रेम रावत, प्रेम रावत, राहुल सुधीर, विजय सिंह शेखावत जैसे मशहूर हस्तियो ने यहीं से शिक्षा ली है. यहां की एडमिशन फीस 74000 से लेकर 450000 है.