Electricity system in UP: उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन (Uttar Pradesh Power Corporation Management) बिजली की व्यवस्था को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है. घाटे में चल रही प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को प्राइवेट हाथों में दिया जाएगा.  घाटे की दुहाई देकर प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल अपनाया जाएगा.  इसकी शुरुआत दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से करने की तैयारी है. सोमवार को बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर हुई समीक्षा बैठक हुई. बैठक में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और सभी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशक ने सहमति जताई कि ऐसे क्षेत्र जहां घाटा अधिक है, वहां सहभागिता के आधार पर निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार किया जाए.


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निजीकरण के मुद्दे पर राय मशविरा
लखनऊ स्थित शक्ति भवन में सोमवार को हुई पावर कार्पोरेशन की बैठक में सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशक, निदेशक और मुख्य अभियंताओं से निजीकरण के मुद्दे पर राय मशविरा किया गया.  निदेशकों और मुख्य अभियंताओं से घाटे से निपटने के सुझाव मांगे गए. बैठक के दौरान रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई.  निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं ने राजस्व वसूली, लाइन हानियां कम करने तथा थू्र-रेट आदि बढ़ाने के अब तक के प्रयासों की जानकारी दी इस बीच सहभागिता के आधार पर पार्टनरशिप करके निजी क्षेत्र को जोड़कर सुधार पर चर्चा हुई. 


ऊर्जा संगठनों का विरोध 
 प्रबंधन के पद पर प्रबंध निदेशक संबंधित निजी क्षेत्र की कंपनी का होगा, जबकि कार्पोरेशन का अध्यक्ष सरकार का प्रतिनिधि रहेगा. जैसे ही इसकी भनक ऊर्जा संगठनों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया है और निजीकरण (Privatization) के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है.  


यहां से होगी शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  निजीकरण की शुरुआत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी (Purvanchal Electricity Distribution Corporation Varanasi) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा (Dakshinanchal Electricity Distribution Corporation Agra) से की जाएगी. अधिकारी लेवल पर इस बात का फैसला लिया जा चुका है. 


इस फॉर्मूले पर काम करेंगी कंपनियां
नई व्यवस्था के तहत इसका चेयरमैन सरकार की ओर से होगा और प्रबंध निदेशक निजी क्षेत्र का व्यक्ति होगा. फिलहाल 50-50 के फ़ॉर्म्युले पर प्राइवेट कंपनियां काम करेंगी. इस नई व्यवस्था में इसका चेयरमैन आईएएस अधिकारी को बनाया जाएगा. इसके लिए ओड़िसा में संचालित निजी मॉडल का अध्ययन किया  जाएगा, जिसके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय की जा सकती है. 


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