प्रयागराज: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मई में पंचायत चुनाव कराने के प्रथम प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि नियमों के अनुसार ये चुनाव 13 जनवरी 2021 तक हो जाने चाहिए थे. लेकिन चुनाव आयोग द्वारा पेश शेड्यूल से यह संभावना है कि पंचायत चुनाव मई में होंगे. 


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चुनाव में देरी होने की ये दी वजह
चुनाव आयोग ने कोविड के चलते परिसीमन में हुई देरी का हवाला देते हुए बताया कि 22 जनवरी को वोटर्स लिस्ट तैयार हो गई थी. इसके बाद 28 जनवरी तक परिसीमन भी कर लिया गया था. सीटों का आरक्षण स्टेट गवर्नमेंट को करना है, इसलिए चुनाव निर्धारित समय के अनुसार नहीं हो सके. बताया जा रहा है कि सीटों का रिजर्वेशन पूरा होने के बाद अभी 45 दिन का समय और लगेगा. इसलिए राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट से समय मांगा गया है. 


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4 फरवरी को दोबारा होनी है सुनवाई
कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए 4 फरवरी को दोपहर 2.00 बजे दोबारा पेश होने के आदेश दिए हैं. यह आदेश जस्टिस एम.एन. भंडारी और जस्टिस आर.आर. अग्रवाल की बेंच ने विनोद उपाध्याय की याचिका पर दिया है. बता दें, इससे पहले कोर्ट ने आयोग से पंचायत चुनाव को लेकर जानकारी मांगी थी. इसपर आयोग ने जो शेड्यूल पेश किया था, उसे कोर्ट ने संवैधानिक उपबंधों के विपरीत बताते हुए अस्वीकार कर दिया है.


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