कौन हैं गाजियाबाद के नए विधायक संजीव शर्मा, चार्टर्ड अकाउंटेंट के बाद बीजेपी के लिए 25 साल पसीना बहाने का मिला इनाम
Sanjeev Sharma: भाजपा के संजीव शर्मा ने गाजियाबाद की सदर सीट से बड़ी जीत हासिल की है. गाजियाबाद विधानसभा 56 के उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के सिंह राज जाटव और भाजपा के संजीव शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला.
Ghaziabad Vidhan Sabha Chunav Parinam 2024: गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में आज मतगणना हुई. भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा 69676 वोटों से जीत गए हैं. उन्होंने रामजाटव को हरा दिया है.
गाजियाबाद में साल 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. 2009 में जब पहली बार चुनाव हुए तो इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया. भाजपा की ओर से इस सीट पर राजनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी. वहीं, साल 2014 में इस सीट पर राजनाथ सिंह की जगह वीके सिंह को भाजपा ने उतारा. जबकि राजनाथ सिंह लखनऊ सीट पर मैदान में उतरे थे. गाजियाबाद सीट पर 2014 में वीके सिंह की जीत हुई थी. 2019 में भी वीके सिंह ही जीते थे.
बीजेपी-संजीव शर्मा
संजीव शर्मा मूलरूप से हापुड़ जनपद के पिलखुवा के रहने वाले हैं. 20 साल से शालीमार गार्डन में रह रहे हैं. उनका प्रॉपर्टी का कारोबार है. 48 वर्षीय संजीव शर्मा के पास चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री है. बीजेपी की ओर से घोषित प्रत्याशी संजीव शर्मा (Sanjeev Sharma) वर्ष 2007 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में पार्टी में शामिल हुए थे. गाजियाबाद महानगर में संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही. संजीव शर्मा भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष पद पर तीन वर्ष तक कार्यरत रहे.पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने युवाओं को भाजपा से जोड़ा.वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी का महानगर महामंत्री बनाया था. 2019 में भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष के रूप में उनको जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
सपा-रामजाटव
सिंहराज जाटव गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र से हैं. स्नातक तक पढ़ाई कर चुके हैं. रामजाटव केबल इंटरनेट कारोबारी हैं. रामजाटव 18 साल से राजनीति में है. बसपा में मेरठ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी, उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी, मुरादाबाद और बरेली मंडल के मुख्य कोऑर्डिनेटर और विजयनगर से पार्षद रह चुके हैं.
बसपा-परमानंद गर्ग
बसपा ने इस बार वैश्य समाज के प्रत्याशी को टिकट दिया गया. पीएन गर्ग समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ चुके परमानंद गर्ग की पत्नी नीलम गर्ग को समाजवादी पार्टी ने मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन आखिरी समय पर पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. इससे पीएन गर्ग नाराज हो गए थे. पार्टी में राष्ट्रीय सचिव की भूमिका निभा रहे गर्ग ने 28 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
गाजियाबाद में 14 प्रत्याशी मैदान में थे
विधानसभा चुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें बीजेपी की ओर से संजीव शर्मा, सपा कांग्रेस गठबंधन से सिंहराज जाटव, बसपा से परमानंद गर्ग और आज समाज पार्टी से सतपाल चौधरी प्रमुख रूप से चुनाव लड़ रहे थे.
गाजियाबाद में 21 टेबल पर 25 चक्रों में मतगणना
कानपुर की सीसामऊ सीट पर काउंटिंग नौबस्ता स्थित नवीन गल्ला मंडी में 20 राउंड में मतगणना की जाएगी. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू हुई. 20 नवंबर को 461644 मतदाताओं में से करीब 153727 मतदाताओं ने वोटिंग की थी. इसमें 88593 पुरुष और 65134 महिला मतदाता शामिल थे.
जातीय समीकरण
इस सीट दलित वोटर्स 80 हजार, ब्राह्मण वोटर्स 55 हजार, ओबीसी वोटर्स 45 हजार, वैश्य वोटर्स 35 हजार, मुस्लिम वोटर्स 50 से 55 हजार और ठाकुर (क्षत्रिय) वोटर्स 25 हजार हैं.
सीट का समीकरण
उस सीट से सुरेंद्र प्रकाश गोयल के सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी. इसके अलावा 2012 में बसपा के सुरेश बंसल ने गाजियाबाद की सदस्य सीट पर जीते. यह सीट बीजेपी के पास रही है. 2017 और 2022 में भी अतुल गर्ग ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. गाजियाबाद विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण बेहद दिलचस्प है.
कितने वोटर
इस सीट पर कुल वोटर 4,61,360 हैं. कुल 119 मतदान केंद्र और 506 मतदान स्थल बनाए गए.
पुरुष वोटर 2,54,017
महिला 2,07,314 हैं
अन्य 29 वोटर हैं
सबसे कम वोटिंग
यूपी उपचुनाव में गाजियाबाद सीट पर सबसे कम वोटिंग हुई. छुट्टी के बावजूद लोग घरों से बाहर नहीं निकले और उन्होंने वोटिंग में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. यूपी के सभी नौ सीटों में यहां सबसे कम 33.3 प्रतिशत वोटिंग हुई. 2022 के चुनाव में इस सीट पर 51.78 फ़ीसद वोटिंग हुई थी और 2017 में 53.27 फ़ीसद वोटिंग प्रतिशत रहा था. गाजियाबाद में 507 बूथों पर मतदान हुआ और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होनी है. ये सीट पहले बीजेपी के पास थी. इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है. पिछली तीन बार से लगातार यहां भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. 2022 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के अतुल गर्ग जीते थे. लेकिन 2024 में अतुल गर्ग के सांसद बनने के बाद ये सीट खाली हो गई. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है.
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