Khair vidhan Sabha Chunav Parinam 2024: यूपी उपचुनाव की सबसे हॉट सीटों में एक खैर के नतीजे आ गए हैं. इस सीट से बीजेपी ने जीत दर्ज की है. सुरेंद्र दिलेर ने सपा प्रत्याशी चारु कैन को बड़े अंतर से हरा दिया. बता दें कि चारु केन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की बेटे कार्तिक चौधरी की पत्नी हैं.


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खैर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के सुरेंद्र दिलेर ने सपा की चारु केन को 38 हजार 251 वोटों से हराया. यहां भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है. जीत की आधिकारिक घोषणा होना शेष है.


सुरेंद्र दिलेर, भाजपा- 99929


चारु केन, सपा- 61678


डॉ पहल सिंह, बसपा- 13341


नितिन कुमार चौटेल, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम )- 8258


भूपेंद्र कुमार धनगर, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी- 1140


नोटा- 753


कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर? 
खैर विधान सभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर बनाये गए हैं.सुरेंद्र दिलेर मूल रूप से बरौली विधानसभा क्षेत्र के गांव दौरउ–चांदपुर के निवासी हैं. उनकी शिक्षा की बात करें तो वे इंटरमीडिएट पास हैं. नामांकन में शपथ पत्र के मुताबिक उनके पास कुल 2 करोड़ 94 लाख की चल संपत्ति है.


सुरेंद्र के दादा किशन लाल दिलेर भी यूपी की राजनीति में लंबा सफर रहा है. दादा और पिता की बादशाहत कायम रखने के लिए सुरेंद्र सियासत में एंट्री करने वाली तीसरी पीढ़ी हैं. सुरेंद्र दिलेर के पिता राजवीर सिंह दिलेर बीजेपी से एक बार सांसद और एक बार  विधायक रह चुके है. जबकि दादा छह बार के विधायक और चार के सांसद रहे हैं. यही कारण है तीसरी पीढ़ी के मनोबल को लेकर खैर विधानसभा उपचुनाव में सुरेंद्र दिलेर पर भाजपा ने भी भरोसा जताया.


कौन हैं समाजवादी प्रत्याशी चारु कैन?
समाजवादी प्रत्याशी चारु कैन इंटरमीडिएट पास हैं. चारु कैन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की बेटे कार्तिक चौधरी की पत्नी हैं.चारु मूल रूप से बरौली विधानसभा के थाना महुआखेड़ा के गांव सुखरावली के निवासी हैं. नामांकन में शपथ पत्र के मुताबिक उनके पास कुल 42 लाख की चल अचल संपत्ति है.


कौन हैं बसपा प्रत्याशी डॉ पहल सिंह?
बहुजन समाज पार्टी से प्रत्याशी डॉ पहल सिंह बीएससी, बीएएमएस, एलएलबी पास हैं. वह शहर के स्वर्ण जयंती नगर में रहते हैं. उनकी पत्नी अध्यापक हैं. डॉ पहल सिंह के पास कल 8 लाख 60 हजार की चल संपत्ति है.


अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित
अलीगढ़ की खैर सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. बीजेपी के अनूप प्रधान ने पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 74 हजार वोटों से एकतरफा जीत दर्ज की थी.  इस सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बनने के बाद उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया था. अभी  हाल में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हाथरस से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया और वह जीतकर दिल्ली पहुंचे. इसके चलते खैर में उपचुनाव हुआ.


पिछले तीन चुनाव में इस तरह रहा है मतदान
इस बार के लोकसभा चुनाव में 55.39 प्रतिशत वोट पड़े.
2022 विधानसभा चुनाव में 60.90 प्रतिशत मतदान हुआ था.
2019 के लोकसभा चुनाव में 62.00 प्रतिशत मतदान हुआ था.


खैर विधानसभा क्षेत्र में कई समाजवादी पार्टी अपना खाता नहीं खोल सकी है. इस विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी तो हर विधानसभा चुनाव में उतरे लेकिन साइकिल से कोई विधानसभा तक नहीं पहुंच सका. पहली बार यहां हो रहे उपचुनाव में सपा फिर से ताकत झोंक दी है. 31 साल से पार्टी को इस जीत की दरकार है. यही हालत बहुजन समाज पार्टी का है. बहुजन समाज पार्टी 22 साल से यहां जीत का इंतजार कर रही है. बसपा ने एक बार साल 2002 में यह सीट जीती थी. उस समय बसपा प्रत्याशी प्रमोद गॉड ने जीत दर्ज की थी. हर चुनाव में पार्टी ने जीत का दावा किया, लेकिन नाकामी ही मिली.


अलीगढ़ की खैर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में 20 नवंबर को मतदान हुआ. बुधवार को विधानसभा क्षेत्र में 46.36 प्रतिशत ने ही मतदान किया.  मतदाताओं का उत्साह फीका रहा. आधे से अधिक मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग ही नहीं किया.  अधिकतर बूथों पर पूरे-पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा. 


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