Milkipur Bypolls 2025: मिल्कीपुर में उपचुनाव का इंतजार खत्म हो चुका है. चुनाव आयोग ने बीते दिन चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. यहां 5 फरवरी को मतदान होगा जबकि 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. सपा और बीजेपी दोनों इस सीट पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं. मिल्कीपुर के समीकरण भले सपा के मुफीद दिख रहे हों लेकिन कुंदरकी में 'मुसलमान' वाला मिथक तोड़ने के बाद बीजेपी मिल्कीपुर में भी यही करिश्मा दोहराने की तैयारी में जुटी है.


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सपा के जीत की हुंकार भरने का ये वजह
मिल्कीपुर में कुल वोटरों की संख्या करीब 3 लाख 40 हजार है. इनमें से सबसे ज्यादा 55 हजार यादव, 55 हजार पासी और 30 हजार मुस्लिम हैं. इनको मिला लें तो यह आंकड़ा 1 लाख 40 हजार बैठता है. वहीं यहां दलित वोटर 25 हजार और कोरी मतदाताओं की संख्या भी 20 हजार है. पीडीए के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रही सपा इन वोटरों के दम पर जीत का दंभ भरती है. वहीं यहां ब्राह्मण वोटर 60 हजार, ठाकुर 20 हजार, चौरसिया 18 हजार, वैश्य 12 हजार, पाल 7 हजार, मौर्य 5 हजार और अन्य अनुमानित वोटरों की संख्या करीब 28 हजार है.


बीजेपी के लिए क्या उम्मीदें?
हालांकि मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर बीजपी उपचुनाव में सपा को पटखनी देने के बाद गदगद है. मुस्लिम बहुल सीट होने के बाद भी यहां कमल खिलाने में भाजपा कामयाब रही. बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह ने यहां 1 लाख 44 हजार के बड़े अंतर से चुनाव जीता. 1993 के बाद 31 साल बाद यहां भगवा लहराया. यहां सपा का पीडीए फॉर्मूला काम नहीं किया. बीजेपी ने न केवल अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत किया बल्कि मुस्लिम बहुल बूथों पर भी बढ़त ली. मिल्कीपुर में भी बीजेपी की सपा का दंभ तोड़ने की तैयारी है.


सीएम योगी नें संभाला मोर्चा
अयोध्या में हार के बाद मिल्कीपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाला है. बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही वह मिल्कीपुर के कई दौरे कर चुके हैं. यही नहीं 6 मंत्रियों की ड्यूटी इस सीट पर लगाई गई है. बीजेपी फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर मिली हार का बदला मिल्कीपुर जीतकर लेने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है लेकिन सपा के मजबूत किले में सेंध लगाना आसान नहीं रहने वाला है.


मिल्कीपुर में क्या है चुनावी कार्यक्रम
मिल्कीपुर सीट पर पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को गिनती के साथ परिणाम घोषित किया जाएगा. नामांकन इसी महीने 10 से 17 जनवरी तक किए जा सकेंगे. 18 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 20 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. बसपा ने पहले ही उपचुनाव से दूरी बना ली है. कांग्रेस ने भी सपा को समर्थन का ऐलान किया है. ऐसे में मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही होगा. 2022 के चुनाव में यहां से सपा के अवधेश प्रसाद ने जीते थे. उनके सांसद बनने पर इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है.


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