UP Politics: लोकसभा चुनाव में यूपी में खराब प्रदर्शन के चलते बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर रह गई. जिसके बाद हार के कारणों की समीक्षा शुरू हो गई है. वेस्ट यूपी में भी एनडीए गठबंधन 9 सीटें जीत पाया. बीजेपी के साथ रालोद में भी मंथन शुरू हो गया है कि क्या कारण रहे कि चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई. माना जा रहा है रालोद प्रमुख पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं, पार्टी के निष्क्रिय नेताओं पर गाज गिर सकती है. 


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दरअसल वेस्ट यूपी की 16 सीटों पर पहले और दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. इनमें से बीजेपी 14 और दो सीटों  (बागपत और बिजनौर) पर रालोद ने प्रत्याशी उतारे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के बड़े नेता और रालोद प्रमुख ने मिलकर चुनाव प्रचार को धार दी लेकिन  नतीजे आए तो रालोद के खाते में दोनों सीटें गईं लेकिन बीजेपी 7 सीटें ही जीत पाई. रालोद उन सीटों पर बीजेपी को फायदा नहीं दिलवा पाई, जहां उसका प्रभाव माना जाता है.


सूत्रों के मुताबिक आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने पार्टी के पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर फीडबैक लिया है कि आखिर क्या वजह रहीं. जिसके चलते बीजेपी को पार्टी वो फायदा नहीं पहुंचा पाई,जिसकी उससे उम्मीद की जा रही थी. अब माना जा रहा है कि नतीजे पक्ष में नहीं आने के चलते पार्टी में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है, कई नेताओं पर गाज गिरना भी तय मानी जा रही है. 


हालांकि, बीजेपी ने रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को केंद्र में मंत्री बनाकर गठबंधन धर्म निभाया है,  जिसके बाद उन पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों दल यहां बेहतर प्रदर्शन कर सकें. इसी को लेकर अब जल्द ही रालोद की  नतीजों की समीक्षा और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक हो सकती है. 


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