अखिलेश के PDA को संघ करेगा भंग, पिछड़ों-दलितों में पैठ बनाने का नया फार्मूला तैयार
RSS centenary year: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार 26 जून से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. संघ की शताब्दी वर्ष की तैयारियों के लिए प्रचारकों के साथ यहां बैठक का आयोजन किया जा रहा है.
विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में पिछड़ों और दलितों का बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी की ओर खिसकने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है. अखिलेश यादव का पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक का फार्मूला काम कर गया. चुनावी हार के बाद से ही बीजेपी दलितों और ओबीसी वोट के खिसकने की समीक्षा कर रही है. लेकिन भाजपा से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही पीडीए समीकरण को तोड़ने और हिन्दुत्व को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है.
बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
बैठक में सभी जातियों और वर्गों को संघ से जोड़ने के लिए लगातार संपर्क और समन्वय बनाने पर जोर दिया गया. इसके साथ ही एक बार फिर दलित बस्तियों में सामाजिक समरसता के कार्यक्रम चलाने, उनकी समस्याओं के समाधान करने पर चर्चा हुई. बैठक में गांव-गांव तक साप्ताहिक मिलन, संघ टोली और नियमित शाखा लगाने का कार्य तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत जताई गई.
संघ का लक्ष्य
आरएसएस शताब्दी वर्ष से पहले मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में दलितों और पिछड़ों के बीच पैठ बढ़ाएगा. संघ गांव-गांव तक किसी न किसी रूप में पहुंच बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है. संघ का लक्ष्य हर एक ग्राम पंचायत तक शाखा स्थापित करने का है. निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित बैठक में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांत रंजन ने संघ के शिक्षा वर्ग सहित बीते दिनों आयोजित कार्यक्रमों की समीक्षा की. सूत्रों की मानें तो पूर्वी क्षेत्र में न्याय पंचायत (मंडल) स्तर तक शाखाओं की स्थापना का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है. शताब्दी वर्ष की शुरुआत से पहले इस लक्ष्य को पूरा करना है.
शारदीय नवरात्र से शुरू होगा शताब्दी वर्ष
आरएसएस का शताब्दी वर्ष आगामी शारदीय नवरात्र से शुरू होकर 2025 के शारदीय नवरात्र की अष्ठमी तक चलेगा. संघ की ओर से जुलाई में गुरु पूजन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा. शताब्दी वर्ष के मद्देनजर गुरु दक्षिणा का भी बड़ा लक्ष्य रखा गया है. इस कार्यक्रम में प्रत्येक वर्ग को शामिल किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के नतीजों पर होगा मंथन
जहां एक तरफ संघ की शताब्दी वर्ष की तैयारी को लेकर बैठक में चर्चा की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ संघ की तरफ से यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का परिणाम इतना खराब कैसे हुआ है.
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