समाजवादी पार्टी को झटका, अखिलेश यादव के करीबी ने थामा कांग्रेस का हाथ
UP Politics: उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है. कांग्रेस ने अग्रिम रूप से सीटों के लिए प्रभारी और पर्यवेक्षक तैनात कर दिए थे. पार्टी उपचुनाव वाली सीटों पर कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन कर रही है जिससे कि जमीन पर पार्टी को मजबूती मिले.
UP Politics: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अपर महाधिवक्ता केके रॉय ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. लखनऊ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की उपस्थिति में रॉय ने पार्टी की सदस्यता ली. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रयागराज में हुए संविधान सम्मान सम्मेलन की केके रॉय ने अगुवाई की थी. संविधान सम्मान सम्मेलन में राहुल गांधी ने केके रॉय के सामाजिक कार्यों की तारीफ की थी.
बता दें कि रॉय इलाहाबाद केंद्रीय विश्विद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहें हैं. 2012 में सपा सरकार के दौरान केके रॉय को हाईकोर्ट में अपर महाधिवक्ता बनाया गया था. रॉय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाते थे. राजनैतिक लिहाज से केके रॉय का कांग्रेस में शामिल होना सपा के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
कांग्रेस की क्या है रणनीति
गौरतलब है कि केके रॉय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाने के पीछे चुनावी वजह बताई जा रही है. आने वाले वक्त में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इस सिलसिले में कांग्रेस खुद को इलाहाबाद की फूलपुर सीट पर मजबूत करना चाहती है. रॉय उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. ऐसे में उनका पार्टी से जुड़ना अहम हो जाता है.
इस बीच उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है. कांग्रेस ने अग्रिम रूप से सीटों के लिए प्रभारी और पर्यवेक्षक तैनात कर दिए थे. पार्टी उपचुनाव वाली सीटों पर कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन कर रही है जिससे कि जमीन पर पार्टी को मजबूती मिले. याद दिला दें कि कांग्रेस ने यूपी में समाजवादी पार्टी से पांच सीटें मांगी हैं. हालांकि सपा कांग्रेस को कितनी सीट देगी यह साफ नहीं है.