Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार मोदी सरकार का 10वां बजट पेश किया, जो चुनाव के पहले अंतरिम बजट था. इसमें मोदी सरकार ने नीतिगत घोषणाओं से दूरी बनाई. वित्त मंत्री ने भी महज 56 मिनट का भाषण पढ़ा. इसमें उनके पिछले पांच बजटों की तरह न तो शेरोशायरी थी और न ही लंबे वक्त तक मेजों की थपथपाहट सुनाई दी. 


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चुनावी साल होने की वजह से काफी समय पहले से इस बजट की चर्चा हो रही थी. माना जा रहा था कि इसमें कई बड़ी चुनावी घोषणाएं हो सकती हैं. पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाने का ऐलान हो सकता है. इनकम टैक्स स्लैब में पेंशनभोगियों और सरकारी कर्मियों को फायदा दिया जा सकता है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 


वित्त मंत्री ने पिछली बार बजट पेश किया था तो तमिल कवि तिरुवल्लुर की कविता के साथ मैथिली शरण गुप्त और रामधारी सिंह दिनकर जैसे कवियों की पंक्तियों को भी उद्धृत किया था. 


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बजट में शेर और शायरी की परंपरा लंबे समय से चलती आ रही है. बजट भाषण के गंभीर माहौल में वित्त मंत्री सदन के सदस्यों में बीच-बीच में इसके जरिये जोश भरने का काम करते रहे हैं. यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब वित्‍त मंत्री थे, तब उन्‍होंने भी अपनी शेर और शायरी से सदन में मौजूद लोगों को अपनी मेज को थपथपाने पर मजबूर कर दिया था. उनके अलावा अरुण जेटली, यशवंत सिन्‍हा और खुद निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण के दौरान शेरो-शायरी पढ़ी है.


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इस बार कार बजट रहा सबसे छोटा 
बजट 2024- 25 वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का अब तक का सबसे छोटा बजट रहा है. इस बार उनका बजट भाषण मात्र 56 मिनट में निपट गया. इस भाषण की अवधि उनके पिछले भाषण से भी कम रही. वित्‍त मंत्री का पिछला भाषण 1 घंटे 27 मिनट तक चला था, जो आम तौर पर कम से कम 2 घंटे तक चलता था.