UP Bypoll 2024: यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले न हुआ हो लेकिन राजनैतिक दलों ने अभी से तैयारियों को अंजाम देने शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के बाद बीजेपी के सामने बेहतर परफॉर्मेंस देने की सबसे ज्यादा चुनौती होगी. लेकिन पार्टी की डगर इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है, उपचुनाव की कई ऐसी सीटें हैं, जिनपर परचम लहराने लिए एड़ी से चोटी का जोर लगाना होगा. 


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उपचुनाव में जिन सीटों पर चुनाव होना है, उनमें पांच सीटें ( करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसामऊ,कुंदरकी)  सपा के पास हैं. सपा के कब्जे वाली इन पांचों सीटों का चक्रव्यूह तोड़ना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. 


कुंदरकी
कुंदरकी सीट संभल लोकसभा में आती है. सपा के जियाउर रहमान वर्क यहां से विधायक थे, जो इस बार संभल से सांसद बने हैं. ऐसे में 60 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य वाली इस सीट पर भाजपा के लिए जीतना थोड़ा मुश्किल है. कुंदरकी सीट पर 2007 का चुनाव छोड़ दें तो 2002 से समाजवादी पार्टी का कब्जा है. यहां मुस्लिम दलित वोटर निर्णायक भू्मिका में हैं. बीजेपी को यहां आखिरी जीत 1993 में मिली थी, तब चंद्र विजय सिंह यहां से विधायक चुने गए थे, इसके बाद हर बार मुस्लिम उम्मीदवार पर प्रत्याशी ने दांव लगाया. 


करहल का अभेद किला
मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट यादव परिवार का गढ़है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद यहां से विधायक थे. कन्नौज से सांसद  बनने के बाद अखिलेश यादव अपने भतीजे तेजप्रताप को करहल से लड़ाने की तैयारी में हैं. यहां यादव वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. करहल सीट पर बीजेपी आजादी के बाद अब तक कमल खिलाने में कामयाब नहीं हो पाई है. 


मिल्कीपुर पर निगाहें
उपचुनाव में जिस सीट पर सबसे ज्यादा निगाहें होंगी वह अयोध्या की मिल्कीपुर है. सपा के अवधेश प्रसाद यहां से 9 बार विधायक बने. वह अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी को हराकर सभी को चौंकाया था. यहां समाजवादी पार्टी उनके बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ा सकती है. यहां पासी, यादव और ब्राह्णण वोटर निर्णाय भूमिका में माने जाते हैं. अवधेश प्रसाद के बेटे को सपा टिकट दे सकती है. 


सीसामऊ
कानपुर की सीसामऊ सीट भी बीजेपी की लिए आसान नहीं रहने वाली है. बीजेपी यहां आखिरी बार 1996 में चुनाव जीती थी. ये सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है,  2012 से लेकर अब तक हुए चुनाव में यहां से सपा के टिकट पर इरफान सोलंकी विधायक चुने गए थे. यहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. सपा एक बार यहां से सोलंकी परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतार सकती है. 


कटहरी
कटहरी सीट अंबेडकरनगर जिले में आती है, यहां से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक लालजी वर्मा विधायक थे. इस बार अंबेडकर नगर से सपा के सांसद बन गए. अब लालजी वर्मा अपनी बेटी छाया वर्मा को यहां से चुनाव लड़ाना चाहते हैं और ये सीट भी बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है. 


10 अगस्त को मिल्कीपुर पहुंचेंगे सीएम योगी
10 अगस्त को सीएम योगी फिर अयोध्या के दौरे पर होंगे. मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं नेताओं को जीत का मंत्र देंगे. मिल्कीपुर, मिल्कीपुर विधानसभा के करमडांडा गांव के एक फार्मेसी कॉलेज में राम दरबार का अनावरण करेंगे, इसी फार्मेसी कॉलेज में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर मंथन करेंगे, मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव की कमान खुद सीएम योगी ने संभाल रखी है. सीएम योगी दोपहर बाद 3:00 बजे मिल्कीपुर पहुंचेंगे.


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