Phoolpur Byelection 2024 Date: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट को छोड़कर बाकी 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. 13 नवंबर को वोटिंग की तारीख की घोषणा के साथ सियासी समीकरण साधने में राजनीतिक दल जुट गए हैं. लोकसभा चुनाव में यूपी में  'दो लड़कों की जोड़ी' हिट साबित हुई, लेकिन उपचुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन में दरार के हालात बनते दिखाई दे रहे हैं. फूलपुर विधानसभा सीट परसपा ने मुज्तबा सिद्दीकी के तौर पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने फूलपुर को नेहरू गांधी परिवार की परंपरागत सीट बताकर दावेदारी पेश की थी.


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सीटों का फॉर्मूला तय नहीं
उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूल पर सहमति नहीं बन पाई है. सूत्रों के मुताबिक सपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है, उसने तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित भी कर दिए हैं. लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस के कोटे में थी. गाजियाबाद विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस दावा कर सकती है. फूलपुर सीट पर भी कांग्रेस की दावेदारी सपा की घोषणा से कमजोर पड़ गई है. 


चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस 
सूत्रों के अनुसार, फूलपुर विधानसभा सीट को कांग्रेस ने प्रतिष्ठा का सवाल बनाया है. उपचुनाव में यहां हर कीमत पर कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है. शनिवार को प्रदेश संगठन मंत्री अनिल यादव ने फूलपुर विधानसभा क्षेत्र की संगठनात्मक बैठक की थी. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी आज पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. दोपहर 2 बजे से करैली स्थित जेके गेस्ट हाउस में बैठक हुई, बैठक में प्रयागराज समेत 5 जिलों के पदाधिकारियों को बुलाया गया था. खास बात यह है कि इस बैठक में अमेठी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को भी बुलाया गया था. कांग्रेस की बैठक में मुख्य रूप से फूलपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर चर्चा होनी है. 


सपा भी दिखा रही दमखम
समाजवादी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ फूलपुर उपचुनाव की तैयारियों में जुटी है.  फूलपुर में सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत कई बड़े नेताओं की नुक्कड़ सभाएं हो चुकी हैं. बूथ स्तर पर मीटिंग करके सपा अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर चुकी है. अब कांग्रेस पार्टी की सक्रियता के बाद फूलपुर को लेकर इंडिया एलायंस में दरार के हालात बनते जा रहें हैं. 


कैडर मजबूत करेगी सपा
समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनावों में अपनी 'पीडीए' रणनीति की सफलता के बाद अब उत्तर प्रदेश में अपने कैडर आधार को मजबूत करने के लिए पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों एवं युवाओं को साधेगी. सपा ने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक महीने तक चलने वाला 'पीडीए-छात्र, नौजवान जागृति अभियान' शुरू किया है.


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