Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार 5 मार्च 2024 को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई. बैठक में कई प्रस्ताव पर मुहर लगी, इसमें दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के तौर पर लखनऊ और उसके आसपास के पांच जिलों को मिलाकर SCR का गठन करना है. मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हो रही कैबिनेट बैठक में दो दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. इस बैठक में लखनऊ मेट्रो के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है. 


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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लखनऊ की आवश्यकता को देखते हुए मेट्रो के आगामी विस्तार के निर्देश दिए हैं. कैबिनेट की ओर से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉपोरेशन लखनऊ मेट्रो फेज 1बी ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गई है. इसमें चारबाग से वसंत कुंज तक 11.165 किलोमीटर से जुड़े प्रस्ताव पारित किए गए हैं. इस फेज के लिए सरकार ने 5801 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.  इस काम के लिए कार्य निर्माण अवधि 30 जून 2027 रखी गई है. इस फेज में 12 नए मेट्रो स्टेशन बनेंगे. 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे (4.28 किमी). इस फेज में 7 मेट्रो स्टेशन भूमिगत(6.88 किमी) होंगे. 


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CM Yogi ने मांगा था DPR
यूपी सीएम ऑफिस ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मेट्रो के दूसरे चरण के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की DPR उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि मेट्रो के विस्तारीकरण का प्रस्ताव पीपीपी मोड पर तैयार किया जाए. इसके साथ ही, चारबाग से SGPGI और बसंतकुंज योजना को IIM तक मेट्रो से जोड़ने के विकल्प उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं.


चारबाग से वसंतकुंज के बीच होंगे ये स्टेशन
Underground Metro Station
चारबाग
गौतम बु्द्ध मार्ग
अमीनाबाद
पांडेयगंज
सिटी स्टेशन
केजीएमयू क्रॉसिंग
नवाजगंज


Elevated Metro Station
ठाकुरगंज
बालागंज
सरफराजगंज
मूसा बाग
वसंत कुंज


5 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
चारबाग से वसंत कुंज के बीच इस ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का प्रोजेक्ट करीब 5 साल में पूरा होने की उम्मीद है, जिसकी लंबाई 11.16 किमी होगा. इसमें अंडरग्राउंट रूट 6.88 किमी और एलीवेटेड रूट 4.28 किमी लंबा होगा. 


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मुख्यमंत्री ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार सीएम योगी वर्तमान में लखनऊ में संचालित हो रही मेट्रो को एक ओर IIM तक तथा दूसरी ओर SGPGI तक विस्तार देना चाहते हैं. निजी क्षेत्र की अनेक कंपनियां सहयोग देने की इच्छुक हैं. ऐसे में हमें PPP मोड पर विस्तारीकरण के लिए विचार करना चाहिए. मेट्रो रेल परिसर में व्यावसायिक गतिविधियों को और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. पैसेंजर सर्विस और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्होंने कहा कि भूमिगत मेट्रो परियोजनाओं के लिए कार्य करते समय सभी सुरक्षा प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं. मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए. कानपुर और आगरा में मेट्रो के दो-दो नए फेज पर कार्य जारी हैं.