उत्तर प्रदेश भाजपा में सरकार बनाम संगठन की जंग अब खुलकर सामने आने लगी है. यूपी सरकार के पूर्व मंत्री सुनील भराला ने इसी वर्चस्व की जंग में कूदते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पर निशाना साधा है.भराला ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का इस्तीफा मांगा है. 


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भराला ने कहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के संगठन बड़ा होने के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस हिसाब से लोकसभा चुनाव की हार की नैतिक जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष को लेनी चाहिए. जब संगठन सरकार से बड़ा तो हार की जिम्मेदारी संगठन की है. केशव के बयान का आशय यही है, इस्तीफा देना चाहिए.बीजेपी की परंपरा के मुताबिक कलराज मिश्र, विनय कटियार ने भी इस्तीफे दिए हैं.


गौरतलब है कि बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की रविवार को हुई बैठक के बाद संगठन बनाम सरकार को लेकर रस्साकशी दिखाई दे रही है. धड़ाधड़ मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और विधायकों के बयान सामने आने लगे हैं. बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है, इस बयान के तमाम सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. डिप्टी सीएम ने इस बयान को लेकर ट्वीट भी किया. इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का दिल्ली पहुंचाना अनायास नहीं माना जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके दी है. 


इधर, यूपी के विधायक रत्नाकर मिश्र हों या पूर्व मंत्री मोती सिंह, वो अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं. वहीं उपचुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाली और 10 प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति के साथ उन्हें जिम्मेदारी भी दे दी. इस बैठक में डिप्टी सीएम या संगठन का कोई बड़ा नेता न होना भी हैरत में डालने वाला विषय है. 


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