लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के लिए सरकार की ओर से नया फरमान आ गया है. शिक्षकों के अब शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान स्कूल से बाहर आने-जाने का पूरा हिसाब देना होगा. प्रिंसिपल से इसकी अनुमति लेनी होगी.


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दिशानिर्देशों के मुताबिक, स्कूल टाइमिंग में बाहर आने जाने वाले शिक्षकों की हाजिरी लगेगी. राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण बेहतर बनाने के लिए ये सख्ती की जाएगी. अटेंडेंस के लिए स्कूलों में अलग से रजिस्टर रखा जाएगा.माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.महेंद्र देव ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं. स्कूल से बाहर आने जाने से पहले शिक्षकों को प्रधानाचार्य से लिखित अनुमति लेनी होगी.बाहर आने जाने के कारण भी रजिस्टर में दर्ज कराने होंगे.


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अब इन सेकेंडरी स्कूलों में केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी छात्रों को दी जाएगी. माध्यमिक विद्यालयों में सुबह अनिवार्य रूप से प्रार्थना सभा होगी. प्रार्थना सभा में प्रार्थना और सुविचार के साथ प्रमुख समाचार, प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता और राष्ट्रगान का आयोजन होगा. प्रार्थना सभा के दौरान छात्रों को समसामयिक घटनाओं से परिचित कराया जाएगा. अलग-अलग विद्यार्थियों से ब्लैक बोर्ड या नोटिस बोर्ड पर सुविचार और प्रमुख समाचार लिखवाए जाएंगे. विद्यालय की प्रार्थना सभा में दो शिक्षा अधिकारी प्रतिदिन शामिल होंगे.


माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा, शिक्षा अधिकारी छात्रों से जीवन मूल्य, अनुशासन, करियर पर बातचीत करेंगे. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सिर्फ किताबों तक सीमित रखना ठीक नहीं है. छात्र किसी भी धर्म या जाति के हों, उन सभी के लिए आध्यात्मिक विकास जरूरी है. स्कूलों में प्रार्थना सभा और आध्यात्मिक विचार की पहल से छात्रों में संस्कार , ब्रह्मचर्य, धैर्य, पवित्रता और स्वच्छता की भावना मजबूत होगी.


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