लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission) ने साल 2018 में आयोजित हुई ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2018 को निरस्त करने का फैसला किया है.


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विशेष जांच दल (एसआइटी)  की जांच में परीक्षा में गड़बड़ियां पाए जाने पर आयोग ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है. परीक्षा में धांधली की जांच एसआइटी (SIT) ने की थी.  इसके साथ ही आयोग ने भविष्य में होने वाली तीन और परीक्षाओं को अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने का फैसला किया है. दोनों संवर्ग के 1952 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी.


ओएमआर शीट की जांच के दौरान मिली थी गड़बड़ी
आयोग को ओएमआर शीट (OMR Sheet) की जांच के दौरान गड़बड़ी मिली थी. OMR शीट में अंतर मिलने पर मेरिट में आए 136 अभ्यर्थियों को बाहर करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करा दी गई थी. और उनके तीन वर्षों के लिए आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी. इसमें और गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई. प्रथम दृष्टया परीक्षा में गड़बड़ियों की पुष्टि होने के बाद आयोग ने इसे निरस्त करने का फैसला किया है.


भविष्य में होने वाली तीन और परीक्षाओं को अग्रिम आदेश तक स्थगित 
यही नहीं सहायक बोरिंग टेक्नीशियन, शोध अधिकारी, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी, वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक केपदों पर भर्ती की प्रस्तावित परीक्षा भी टाल दी गई है. इस संबंध में आयोग के परीक्षा नियंत्रक ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया. यह तीनों परीक्षाएं इस साल 4अप्रैल, 25 अप्रैल और 8 मई को प्रस्तावित थीं.


कुल 1952 पदों पर भर्ती के लिए हुई थी लिखित परीक्षा
उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 22 और 23 दिसंबर, 2018 में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व पर्यवेक्षक समाज कल्याण के कुल 1952 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई थी. परीक्षा 16 जिलों के 572 परीक्षा केंद्रों में संपन्न हुई थी.


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