According Astrology Be Parent: शादी के बाद हर  पति पत्नी चाहते हैं कि वह माता पिता बनें और अपनी गृहस्थी आगे बढ़ाएं. लेकिन कई बार इसमें कुछ मुश्किलें सामने आती हैं. अगर शारीरिक परेशानी है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उनके बताये अनुसार इलाज करवाना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि पति पत्नी दोनों पूरी तरह से ठीक होते हैं किन्तु फिर भी माँ बाप बनने के सुख में देरी हो रही होती है. इस लेख में जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताये गए कुछ अचूक उपाय. 


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कुंडली में पंचम भाव के ग्रहों की दशा जीवन में संतान के सुख को प्रभावित करती है. साथ ही वृहस्पति भी संतान प्राप्ति के करक होते हैं. यदि पंचम भाव में ग्रह दोष है या गुरु यानि बृहस्पति नीच का हो तो संतान का सुख मिलना बहुत कठिन हो जाता है. इसके अलावा राहु सर्प दोष से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है. मंगल व केतु के दुष्प्रभाव से शरीर कमजोर हो जाता है और गर्भ धारण नहीं होता. पितृ दोष के कारण भी संतान सुख प्राप्त करने में कष्ट हो सकता है. शनि यदि नाराज हो तो भी संतान प्राप्ति में बाधा पड़ती है. अगर इस में से कोई  भी ग्रह माता पिता बनने से रोक रहा है तो ये उपाय करें.


बृहस्पति को मजबूत करें


गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें और गरीबों में गुड़ बाँटें. गुरु ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए इस मंत्र का जाप करें.
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः।


नवग्रह दान और पूजन 


कुंडली में सभी ग्रह मजबूत हों इसके लिए नवग्रह पूजन करवाएं और सामर्थ्य अनुसार दान दें. 9 रंग की दालें दान करने से भी नवग्रह सकारात्मक फल प्रदान करते हैं. 


राहु केतु की अराधना 


राहु-केतु पूर्व जन्म  के बुरे कर्मों का फल देते हैं. इनके दोषों के उपाय के लिए जाप करें और दान करें. राहु को शांत करने के लिए यह मंत्र जपें. 
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
केतु इस मंत्र से प्रसन्न होते हैं - ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः


ये उपाय करने से ग्रह शांत होंगे


अन्य देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी कुछ सरल उपाय करें. 


संतान गोपाल का पाठ


संतान प्राप्ति के लिए पति पत्नी पूजा के अलावा दिन भर काम करते हुए मन में ये संतान गोपाल का मंत्र पढ़ें. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः.


स्कन्दमाता को प्रसन्न करें 


देवी के नौ रूपों में से एक स्कन्द माता कार्तिकेय को गोद में लिए बैठी रहती हैं. इनका पूजन करने से दम्पति की भी गोद भर जाती है. माता का ये मंत्र पढ़कर प्रसन्न करें - ॐ कार्तिकेय विद्महे: शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो स्कंद प्रचोदयात्.


इन सबके अलावा पितृदेवों का श्राद्ध अवश्य करें, पितरों के दोष से भी माता पिता बनने में मुश्किल आती है.  घर का वास्तु दोष पूजन भी करवा लें. घर की पश्चिम दिशा की दीवार को सजा के रखें इस पर गोल्ड, सिल्वर का कॉपर कलर का पेंट करें.  धातु के रंगों से जीवन में प्यार बढ़ता है और संतान की प्राप्ति होती है.



Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.