Kanpur GSVM medical college: वाराणसी और आगरा के बजाय अब कानपुर में हो पाएगी टीबी की जांच, जानिए कैसे मिलेगा फायदा
Kanpur News: कानपुर मंडल के 6 जिलों जिलों के लोगों को अब टीबी की जांच कराने में आसानी होगी. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इसके लिए एक नई लैब बनाई गई है.
कानपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की दिशा में लगातार काम कर रही है. राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश पर जोर दिया. इसी क्रम में कानपुर जिले से एक अच्छी खबर आई है. यहां राज्य सरकार ने हाई कल्चर ड्रग सेंसटिविटी टेस्ट लैब (High Culture Drug Sensitivity Test Lab) बनाने की मंजूरी दी थी, जो अब बनकर तैयार हो गई है. इस लैब के खुलने से टीबी (Tuberculosis) मरीजों को राहत मिलेगी. इसके साथ ही इस लैब में कई तरह की सुविधाएं हैं.
टीबी मरीजों को जांच में सुविधा
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM medical college) के माइक्रोबायोलाजी विभाग ने यह पहल शुरू की है. इसी विभाग के अंतर्गत ही यह हाई कल्चर ड्रग सेंसटिविटी टेस्ट लैब तैयार की गई है. यह लैब ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी के मरीजों के सैंपल की जांच करने में कारगर है. बता दें कि कानपुर मंडल के 6 जिलों में मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस और एक्स्ट्रा ड्रग रेजिस्टेंस मरीजों के नमूनों की जांच के लिए कोई लैब नहीं थी. ऐसे मरीजों के सैंपल जांच के लिए अभी तक आगर और वाराणसी भेजने पड़ते थे. इससे रिपोर्ट आने में कभी कभार समय भी लग जाता था. साथ ही मरीज ओर उनके परिजनों को अनावश्यक दिक्कतों का सामने करना पड़ता था. अब लोगों को इस समस्या ने निजात मिल गया है. इस लैब में सीबी नाट समेत सीडीएसटी जांचें भी होंगी.
यह है लैब की खासियत
आपको बता दें कि लैब को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें से एक भी बैक्टीरिया बाहर से नहीं जा सकेगा. साथ ही लैब से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को भी 1 घंटे में ऑटोक्लेव कर डिस्पोज किया जाएगा. इस लैब में ढाई करोड़ रुपये के इक्यूपमेंट लगाए गए हैं. लैब में एयर हैंडलिंग यूनिट लगाई गई है इससे संक्रमण बाहर न आ सकेगा. साथ हा लैब में अग्निशमन सुरक्षा, सीसीटीवी मानीटरिंग यूनिट भी लगाई गई है.