यूपी में अब ऑनलाइन बनेगा रेंट एग्रीमेंट, न कचहरी का झंझट और न दलालों की मारामारी
Online Rent Agreement: यूपी में रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए अब कचहरी और वकील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. अब यह सुविधा ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध होगी. यानी आप घर बैठे रेंट एग्रीमेंट प्राप्त कर सकेंगे वो भी पहले से कम खर्चे पर.
रेंट एग्रीमेंट जरूरी
अगर आप किराये के मकान में रहते हैं तो आपको रेंट एग्रीमेंट की अहमियत तो पता ही होगी. यह एक ऐसा दस्तावेज है जो किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों को सुरक्षित रखता है.
ऑनलाइन प्रक्रिया की तैयारी
रेंट एग्रीमेंट के लिए भले ही अब तक नोटरी और कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन यूपी में अब रेंट एग्रीमेंट और उसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हो रही है. स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन विभाग इस प्रक्रिया को आसान करने के लिए ऑनलाइन पॉर्टल शुरू करने वाला है.
रेंट एग्रीमेंट के लिए ऑनलाइन प्रोफॉर्मा
इस पोर्टल पर आपको एक प्रोफॉर्मा मिलेगा जिसमें आपको अपनी और मकान मालिक की सभी जरूरी जानकारियां भरनी होंगी. इसके साथ ही जो भी जरूरी और निर्देशित दस्तावेज हैं वो अपलोड करने होंगे.
रेंट एग्रीमेंट की फीस भी ऑनलाइन
ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए प्रोफॉर्मा में सभी जरूरी जानकारी मांगे गए दस्तावेजों के साथ अपलोड करने के साथ आपको फीस भी ऑनलाइन ही जमा करनी होगी. यह फीस मौजूदा फीस से कम बताई जा रही है.
बड़े शहरों में ऑनलाइन रेंट एग्रीमेंट सुविधा
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी के मुताबिक ये प्रक्रिया अगले महीने से शुरू हो जाएगी. शुरुआत में इस सुविधा को पायलट रन के आधार पर प्रदेश के कुछ बड़े शहरों जैसे लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ में चलाया जाएगा. इसके बाद इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
2 फीसद कम होगी फीस
जैसा कि ऊपर बता चुके हैं ऑनलाइन रेंट एग्रीमेंट की फीस भी ऑनलाइन ही सबमिट करनी होगी. विभागीय अधिकारी के मुताबिक सीएम योगी ने रेंट एग्रीमेंट की फीस और कम करने के निर्देश दिए थे. इसलिए फीस को घटाकर किराए का 1 से 1.5 प्रतिशत तक किया जा सकता है.
समय और पैसे दोनों बचेंगे
पहले इस प्रक्रिया में मकान मालिक और किरायेदार को जरूरी डॉक्यूमेंट्स लेकर कचहरी जाना पड़ता था. जहां एग्रीमेंट का ड्राफ्ट बनता था और उसके साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की कॉपी भी जमा करानी होती थी. इस पूरी प्रक्रिया में मकान मालिक और किरायेदार के काफी पैसे तो खर्च होते ही थी, साथ में समय की बर्बादी भी होती थी.
काटने पड़ते हैं नोटरी के चक्कर
रेंट एग्रीमेंट ज्यादातर 11 महीने बनवाया जाता है इस दौरान मकान मालिक या किरायेदार में को विवाद होता है इस एग्रीमेंट को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जा सकता है. यह 100 से 200 रुपये के स्टाम्प पेपर पर अब तक इसे नोटरी बनवाते आए हैं.
DISCLAIMER
लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है. ZEE UP/UK दिखाई गई तस्वीरों और जानकारी की सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता. ज्यादा जानकारी के लिए विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर विजिट करें.