railway parcel booking charges : भारतीय रेलवे ( Indian railway) रेलयात्रियों ही नहीं, बल्कि कार बाइक से लेकर भारी मशीनरी को भी एक से दूसरी जगह पहुंचाता है. एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते वक्त भी टू व्हीलर यानी मोटर साइकिल और फोर व्हीलर यानी कार को एक से दूसरी जगह ले जाने के लिए रेलवे पार्सल सुरक्षित और ट्रांसपोर्ट का आसान तरीका हो सकता है.   


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रेलगाड़ी से स्कूटर या बाइक जैसे वाहनों को एक से दूसरे शहर में माल ढुलाई के जरिये ले जाना आसान और सस्ता होता है. भारतीय रेलवे से माल ढुलाई के दो विकल्प हैं. 1. लगेज के तौर पर या 2. पार्सल के रूप में. लगेज यानी सामान को आप यात्रा के दौरान अपने साथ रखें. जिस ट्रेन में आप यात्रा करेंगे, सामान उसी में जाएगा. सामान के तौर पर बाइक बुकिंग कर साथ ले जा सकते हैं या नहीं, ये उस ट्रेन में जगह की उपलब्धता पर निर्भर करता है. जबकि पार्सल एक सामान्य चिट्ठी पत्री की तरह होता है. सामान जैसे बाइक, एसी-वाशिंग मशीने आप अपनी पसंद की जगह भेज सकते हैं. मगर आप सामान के साथ यात्रा नहीं करते. 


मोटरसाइकिल ट्रांसपोर्ट की खास बातें
जिस दिन के बाइक पार्सल करवाना चाहते हैं, उससे कम से कम एक दिन पहले पार्सल  बुकिंग कराएं. बाइक का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी और बीमा के दस्तावेज साथ में रखें. फोटो पहचानपत्र यानी आईडी कार्ड - जैसे आधार ड्राइविंग लाइसेंस भी जरूरी होगा. बाइक अच्छी तरह पैक करें विशेष तौर से हेडलाइट. ध्यान रखें कि बाइक में पेट्रोल नहीं हो. मोटरसाइकिल में पेट्रोल मिला तो 1000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा.


पार्सल पर वजन के हिसाब से भाड़ा- 
रेलवे पार्सल भेजने के लिए वजन यानी भार और दूरी के मुताबिक भाड़े यानी माल ढुलाई का आकलन होता है. बाइक ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे पार्स  सस्ता और तेज जरिया है. लगेज चार्ज पार्सल के मुकाबले महंगा पड़ता है. 500 किमी तक बाइक ट्रांसपोर्ट के लिए औसतन भाड़ा 1200 रुपये है. बाइक की पैकिंग पर 300 से 500 रुपये तक का खर्च होता है.


आईडी से पार्सल बुक
बाइक का रजिस्ट्रेशन आपके नाम नहीं है तो भी आप अपनी आईडी से पार्सल बुक करा सकते हैं. हालांकि बाइक की आरसी और इंश्योरेंस पेपर जरूरी हैं. बाइक खुद अच्छी तरह पैक करें. इससे डैमेज से बचा जा सकता है. पार्सल की बुकिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होती है. लगेज बुकिंग कभी भी कराई जा सकती है.


लगेज बुकिंग में ध्यान रखें
लगेज के तौर पर बाइक को रेलयात्री साथ ले जाना चाहते हैं तो उस ट्रेन के प्रस्थान समय से करीब आधा घंटा पहले स्टेशन पहुंचना होगा. बाकी प्रासेस पार्सल की तरह रहेगा. ट्रेन में सफर के वक्त टू व्हीलर को लगेज में ले जाने के लिए ट्रेन टिकट और लगेज बुकिंग को साथ दिखाना होगा. हालांकि ज्यादातर लोग ऐसे सामान साथ नहीं ले जाते.


लेट चार्ज का यात्रीगण कृपया ध्यान रखें
ऐसी यात्रा में लगेज टिकट भी दिया जाएगा.यही दिखाकर रेलवे पैसेंजर्स अपनी बाइक गंतव्य स्टेशन पहुंचने पर रिसीव कर सकते हैं. यह भी जान लें कि पार्सल के मंजिल वाले स्टेशन पर पहुंचने के 6 घंटे के अंदर इसे रिसीव कर लें. अन्यथा हर घंटे के हिसाब से लेट चार्ज लगने लगेगा.


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