लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हर पेड़ के बदले किसानों को 500 रुपये मिलेंगे, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्बन क्रेडिट स्कीम से किसानों को बंपर फायदा मिलेगा. दरअसल, प्रदेश सरकार एक ओर जहां 20 जुलाई को 36.50 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड बनाने की ओर आगे कदम बढ़ा रही है तो वहीं कार्बन फाइनेंस के माध्यम से पौधरोपण करने वाले कृषकों की आय वृद्धि का रास्ता भी खुलने लगा है. 2070 तक देश को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन में सक्षम करने का  भारत सरकार की ओर से घोषणा की गई. किसानों किए जा रहे पौधरोपण से कार्बन क्रेडिट के जरिए उनकी आय अतिरिक्त बढ़ेगी ही. दूसरी ओर किसानों को ज्यादा तेज गति से बढ़ने वाले पौधों के रोपण करने होंगे. जैसे कि पापुलर, मीलिया डूबिया, सेमल आदि पौधे. 


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प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा
ध्यान देने वाली बात है कि हर पांचवे साल में छह अमेरिकी डॉलर के हिसाब से प्रति कार्बन क्रेडिट की खरीद की जाएगी. बताया जा रहा रहा है कि इससे लगाए गए पेड़ों से किसानों को अतिरिक्त आय भी हो पाएगा. योगी सरकार की ओर से इसके लिए किसानों को इंसेंटिव के जरिए लाभान्वित करने की योजना है. सीएम ने कार्बन फाइनेंस का प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा किसानों तक किए जाने के आदेश दिए हैं. 


प्रत्येक पांचवें वर्ष छह डॉलर प्रति कार्बन क्रेडिट
कार्बन क्रेडिट से उत्तर प्रदेश के छह मंडलों के किसान पहले चरण में लाभान्वित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से लेकर राजधानी लखनऊ, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर को पहले चरण में चयनित किया गया है. इस प्रक्रिया में टेरी व वीएनवी एडवाइजरी सर्विस की मदद प्राप्त की जा रही है. 202 करोड़ का इंसेंटिव 2024-2026 के मध्य कृषकों को दिया जाएगा. प्रत्येक पांचवें वर्ष छह डॉलर प्रति कार्बन क्रेडिट किया जाएगा. अनुमानित कार्बन क्रेडिट42,19,369 तय है. 


मौद्रिक मूल्य
अभिनव वित्तीय साधन कार्बन फाइनेंसिंग कार्बन उत्सर्जन को मौद्रिक मूल्य देता है. उत्सर्जन की भरपाई करने करने वाले इच्छुक व्यवसायों को कार्बन क्रेडिट के जरिए एक तरह का व्यापार योग्य परमिट उपलब्ध करवाता है. अपने धारक को कार्बन क्रेडिट एक टन कार्बन डाईऑक्साइड या बाकी ग्रीनहाउस गैसों की समान रूप से उत्सर्जित करने की अनुमति प्रदान करता है. किसानों के लिहाज से देखें तो उनके द्वारा लगाए गए पेड़ों के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में आई कमी इससे लक्षित होगा. प्रति टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन रोकने के लिए किसानों को कार्बन क्रेडिट दिया जा रहा है, जो कि उन्हें इंसेंटिव के रूप में वित्तीय लाभ दिया जाएगा.


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