Air Pollution in UP: गोरखपुर में भी हवा खराब, नोएडा-गाजियाबाद ही नहीं, पूर्वांचल के इलाके भी झेल रहे प्रदूषण की मार
UP Air Pollution: यूपी पूरी तरह से प्रदूषण की जद में है. दरअसल, दिल्ली से सटे शहरों के हालात सबसे ज्यादा खराब है. पूर्वांचल के आधा दर्जन जिले भी वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. पढ़िए प्रदेश के किन जिलों में सांस लेना मुश्किल है?
UP Air Pollution: उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. पश्चिमी यूपी ही नहीं पूर्वांचल के कई जिले वायु प्रदूषण की जद में हैं. गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद के बाद लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. इन जगहों पर प्रदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए घातक बना हुआ है. गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, आगरा समेत कई शहरों में प्रदूषण बेतहाशा बढ़ गया है. योगी सरकार में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के आदेश दे दिए हैं.
गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर
शहर AQI स्तर
गाजियाबाद 330
नोएडा 221
लखनऊ 203
मेरठ 188
आगरा 166
मुजफ्फरनगर 180
सहारनपुर 173
बुलंदशहर 188
हापुड़ 185
अलीगढ़ 182
इटावा 162
बांदा 176
गोरखपुर 287
वृंदावन 169
मुरादाबाद 152
रामपुर 153
बहराइच 162
शाहजहांपुर 147
बदायूं 147
बरेली 143
प्रयागराज 128
वाराणसी 127
गर्भवती महिलाएं दें ध्यान
जानकारों का कहना है कि लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ समेत यूपी की कई जगहों पर हवा जहरीली हो गई है. यहां एक्यूआई खराब श्रेणी में है. इसका नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे संक्रमण और श्वास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. उनका कहना है कि जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना आवश्यक हो तो उन्हें एन95 मास्क पहनना चाहिए. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करें.
कितना एक्यूआई स्तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्यूआई का स्तर 51 से 100 के बीच है तो मध्यम है. इसके अलावा अगर एक्यूआई का स्तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्यूआई स्तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है.
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