लखनऊ: पहाड़ में, मैदान में, नदी किनारे आपने कई मंदिर देखे होंगे, लेकिन लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र अर्जुनगंज में माता का मंदिर कुछ खास है. खास इसलिए कि यह मंदिर एक छोटे पुल के ऊपर स्थापित है जहां एक दो नहीं बल्कि हजारों घंटियां बंधी नजर आएंगी.


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शहर में नवरात्रि की चहल-पहल, भक्तों के चेहरों पर दिखी पावन पर्व की खुशी


पुलिया के ऊपर मंदिर
मान्यता के अनुसार अर्जुनगंज से कैंट को जोड़ने वाले इस पुलिया पर माता का मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. मन्दिर अंग्रेजों के समय से पहले का बताया जाता है. जब यहां पुलिया नहीं हुआ करती थी. बाद में जब इस क्षेत्र में पुलिया का निर्माण हुआ तो मन्दिर ठीक इसके उपर स्थापित हो गया. मणि माता का ये मंदिर दशकों से आज भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा का बड़ा केंद्र है.



हर मान्यता होती है पूरी
माता के इस मन्दिर को लेकर क्षेत्र के ही नहीं बल्कि दूर-दराज के लोगों की भी बड़ी आस्था है. कहा जाता है कि यहां लोगों की मान्यताएं पूरी होती हैं. शुक्रवार के दिन इस स्थान पर खासी भीड़ इकट्ठा होती है, लेकिन नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं का रेला लगता है. कर्मकांड के अलावा यहां अलग-अलग तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं और यहां मेला भी लगता है.



बांधी जाती है घंटियां
मान्यता है कि माता के मंदिर में घंटी बांधने मात्र से मान्यता पूर्ण हो जाती है. यहां बंधी हजारों घंटियां इस बात की पुष्टि करती हैं. बड़े हों या फिर बूजुर्ग, सभी अपनी मान्यता के अनुसार घंटी बांधते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां घंटियों को बांधने का सिलसिला भी सैकड़ों साल पुराना है. कहा जाता है जिसकी मान्यता पूरी होती है वह मन्दिर में आकर विशेष पूजा करता है. सदियों से आज भी इस घंटियों वाले मन्दिर के प्रति लोगों का आर्कषण बना हुआ है.