लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में कोविड-19 जांच बड़े पैमाने पर बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को स्टेट मेंटर घोषित किया गया है. केजीएमयू के वाइस चांसलर एमएल भट्ट ने इसकी जानकारी दी है. इस फैसले के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में कोविड-19 टेस्टिंग लैब्स स्थापित करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब केजीएमयू ही नई लैब स्थापित करने के लिए अनुमित दे सकेगा. केंद्र सरकार ने दिल्ली एम्स को देश का नेशनल मेंटर नामित किया गया है. 


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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के लिए वर्तमान में कुल 15 सरकारी और 1 निजी लैब्स संचालित हैं. इन लैब्स में ही उत्तर प्रदेश के कोविड-19 सैंपल्स की जांच हो रही है. अभी उत्तर प्रदेश में रोजाना करीब 2 से 5 हजार कोविड-19 सैंपल्स की जांच की जा रही हैं. आने वाले दिनों में केजीएमयू से 44 नए लैब्स को अनुमति मिलने वाली है. इन लैब्स के खुल जाने के बाद यूपी में रोजाना 10000 से ज्यादा कोविड-19 सैंपल्स की जांच हो सकेगी.


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कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी के पहले हफ्ते से ही तमाम तरह की व्यवस्थाएं शुरू कर दी थीं. इसके तहत ही केजीएमयू में कोरोना वायरस जांच लैब की शुरूआत हुई थी. इसके बाद प्रदेश भर के सैंपल्स लखनऊ के केजीएमयू में जांच के लिए आ रहे थे. मामले बढ़े तो कई अन्य सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग लैब्स की व्यवस्था की गई. प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़कर 2000 के करीब पहुंचने को हैं. ऐसे में नए टेस्टिंग लैब्स के स्थापित होने से स्क्रीनिंग और जांच की सुविधा आसान हो जाएगी.


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