लखनऊ: गंगा एक्सप्रेसवे की पटरियों पर यूपीडा के द्वारा उपलब्ध कराए गए धन से वन विभाग 18 लाख पौधे लगाएगा. इस संबंध में यूपीडा एवं उ0प्र0 वन विभाग की बैठक संपन्न हुई, देश में पहली बार किसी भी एक्सप्रेसवे के किनारे वन विभाग के द्वारा वृक्षारोपण कार्य कराया जाएगा. लगभग 600 किलोमीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेसवे पर वृक्षारोपण के साथ 10 सालों तक उसके देख-रेख करने लिए यूपीडा  183 करोड़ रुपये वन विभाग को उपलब्ध कराएगा. एक्सप्रेस-वे पर कुल 25 पौधशालाओं की स्थापना भी की जायेगी, जिसमें 05 पौधशालाएं हाईटेक होंगी. 


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भारत सरकार द्वारा फॅारेस्ट क्लीयरेन्स की अनुमति देते समय गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों पटरियों पर वृक्षारोपण कार्य करने के लिए यूपी वन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है, इसी क्रम में आज 30 नवंबर 2022 को ममता संजीव दूबे, पीसीसीएफ और विभागाध्यक्ष, उ0प्र0 वन विभाग की अध्यक्षता में वन विभाग के उच्चाधिकारियों एवं यूपीडा के अधिकारियों के मध्य गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण करने हेतु अनुबन्ध से संबंधित बैठक संपन्न हुई.


जिसके तहत लगभग 600 किलोमीटरलम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे पर वन विभाग द्वारा लगभग 18 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने के साथ-साथ उनका 10 वर्षों तक संरक्षण किया जायेगा, जिस पर अनुमानित 183 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह धनराशि यूपीडा द्वारा वन विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी.


इस पौधारोपण के तहत पूरे गंगा एक्सप्रेसवे पर 25 पौधशालाओं की स्थापना भी की जायेगी, जिसमें 05 पौधशालाएं हाईटेक होंगी, इससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में काफी सहायता मिलेगी. गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज पर समाप्त होगा.