लखनऊ: ठंड का सितम पूरे उत्तर भारत में जारी है. सर्दियों का असर बच्चे हो या बूढ़े सभी पर पड़ता है. सेहत के लिए यह मौसम लाभदायक भी है तो जरा सी लापरवाही आपको मुश्किल में डाल सकती है. ठंड के दिनों में त्वचा, सांस और दिल से जुड़ी बीमारियां और मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि होती है. हालांकि जीवनशैली में कुछ अहम बदलाव करके ठंड के असर से बचा जा सकता है.


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निमोनिया के संक्रमण से करें बचाव


सर्दियों में निमोनिया होने की आशंका काफी बढ़ जाती है. इस समय में हवा में नमी होने की वजह से शरीर में बैक्टीरिया का संक्रमण (इंफेक्शन) तेजी से होता है. यही निमोनिया की वजह बनता है. इस समस्या से बचने के लिए सर्दी में खुद को बचाएं. गरम कपड़े पहनें और कान, तलवे और हथेलियों को ठंड से बचाएं.


अस्थमा मरीज रखें विशेष ख्याल
सर्दियां आते ही आपने देखा होगा कि अस्थमा मरीजों की संख्या अचानक बढ़ जाती है. कई बार अस्थमा बढ़ने के साथ सर्दी और खांसी की समस्या भी बढ़ जाती है. सुबह और शाम ठंडी हवा और बाहर जाने सें बचें. खाने पीने की चीजों में ऐसी चीजों का सेवन करें जो गरम हों.


ब्रोंकाइटिस


ठंड में ब्रोंकाइटिस की शिकायत भी सामने आती है. इससे पीड़ित होने पर खांसी आती है. अक्सर पीड़ित मरीज के सीने में जलन की समस्या भी होती हैं. ब्रोंकाइटिस बढ़ जाने पर बलगम आता है. इससे बचने के लिए प्रदूषण और ठंडी हवा में जाने से बचें.


फेफड़ों का रखें ख्याल


फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों में क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज तेजी से बढ़ रही हैं. सीओपीडी की समस्या होने पर फेफड़ों के रास्ते सिकुड़ जाते हैं. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है. सर्दियों में इसकी संख्या भी काफी बढ़ जाती है. इसके लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें.


बचाव के उपाय


ठंड में बीमारी से बचाव का पहला उपाय है गरम कपड़ें पर्याप्त पहनें. कान और चेहरे को ढ़के बिना खुले में जाने से बचें.
सर्दियों के दिन में प्रदूषण में बाहर निकलना समस्या को और बढ़ा सकता है.
गुनगुने पानी का उपयोग करें.
धुम्रपान से बचाव करें. 
किसी भी तरह की बीमारी या लक्षण सामने आने पर तत्काल डॉक्टरी परामर्श लें.


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