आगरा: ताजमहल एक बार फिर से विवादों में आ गया है. इस बार विवाद ताजमहल के अंदर मनाए जाने वाले उर्स को लेकर है. दरअसल, ताजमहल में शाहजहां का हर साल उर्स मनाया जाता है. इस बार 368वां उर्स मनाया जाएगा.  इसी उर्स के आयोजन के विरोध में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने मोर्चा खोल दिया है. उर्स न मनाए जाने की मांग को लेकर महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एएसआई (ASI) के ऑफिस के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी. इस दौरान नारेबाजी भी की गई. विरोध का तरीका भी अनोखे अंदाज में था. 


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अनोखा विरोध प्रदर्शन 
महासभा के पदाधिकारी शिव पार्वती का रूप धारणकर धरने पर बैठ गए थे. महासभा पदाधिकारियों का कहना था कि जब ताजमहल के अंदर धार्मिक क्रिया कलापों की मनाही है तो फिर उर्स कैसे मनाया जा सकता है. इसी बात को लेकर उर्स का विरोध किया जा रहा है. 


तो आरती की अनुमति मिले  
वहीं, संगठन के मंडल अध्यक्ष मीना दिवाकर का कहना है कि जहां भगवान शिव की आरती होनी चाहिए, वहां पर बिरयानी का भोग लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि 2017 में उन्होंने ताजमहल में आरती की थी. ऐसे में उन्‍हें भी आरती करने की अनुमति दी जाए. 


परंपरा पर रोक लगाने की मांग 
जिला प्रभारी सौरभ शर्मा का कहना है कि हिंदुस्तान में बाबर और जफर की औलादों का उर्स नहीं मनाया जाएगा. यहां जिहादियों वाली परंपरा पर रोक लगाई जाए, अगर ऐसा नहीं किया गया तो महाशिवरात्रि पर ताजमहल में जाकर जलाभिषेक किया जाएगा. 


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