हापुड़: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ (Hapur) जिले में इस बार आलू की बंपर पैदावार हुई है. इसके बावजूद भी किसान नाखुश हैं. किसानों का कहना है कि सब्जियों के राजा आलू का भाव ऐसा गिरा है कि वह माटी के मोल बिक रहा है. कोल्ड स्टोरों में आलू रखने के लिए किसानों की लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुई हैं. मार्केट में आलू के प्रति क्विटंल के रेट 500 और 600 रूपये मिल रहे हैं, जिसकी वजह से किसानों को मुनाफा होना तो दूर उन्हें फसल उगाने की लागत भी नहीं मिल पा रही है. आइए बताते हैं इस मामले में किसानों क्या कहा.


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आपको बता दें कि हापुड़ में आलू की फसल करने वाले किसान विक्रांत कुमार ने बताया कि इस बार आलू की पैदावार अच्छी हुई है, लेकिन मंडी में उन्हें आलू का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में आलू की फसल से मुनाफा तो दूर लागत मिलना भी मुश्किल हो रहा है. पिछली बार आलू की फसल में अच्छा खासा मुनाफा हुआ था. मंडी में 50 किलो आलू का दाम 700 और 800 रूपये रहा था, लेकिन इस बार 50 किलो का रेट 250 और 300 रूपये ही मिल रहा है.


इस मामले में आलू किसान विक्रांत ने बताया कि आलू को कोल्ड स्टोर में रखने में भी खर्चा बहुत आ रहा है. कोल्ड स्टोर के किराए सहित ट्रांसपोर्ट में भी खर्चा आता है. ऐसे में उन्हें आलू की फसल से मुनाफा होना तो दूर लागत भी नहीं मिल पा रही है. विक्रांत ने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि सरकार किसानों की आलू की फसल का उचित मुआवजा देगी.


आपको बता दें कि किसान मनु चौधरी ने मामले में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू की फसल में तकरीबन 600 रूपये की लागत आती है, लेकिन मंडी में इसका भाव तकरीबन 700 से 800 रूपये क्विंटल का है. इसके बाद कोल्ड स्टोर का किराया भी देना होता है. इस बार बंपर पैदावार भले ही हुई हो, लेकिन किसानों को आलू की फसल से इस बार मुनाफा होता नजर नहीं आ रहा है.