AIR Pollution in NCR : उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में नवरात्रि के बाद दशहरा दीपावली (Dussahara Deepawali) आते ही वायु प्रदूषण असर दिखाने लगा है. नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा जैसे बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का पैमाना यानी एक्यूआई (AQI) करीब 200 के आसपास सोमवार रात को पहुंच गया था. बुधवार सुबह यह थोड़ा कम हुआ, लेकिन दीपावली आते-आते प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच सकता है.  नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ग्रैप नियम लागू होने के साथ ही येलो जोन (Yellow Zone) घोषित कर दिया गया है.


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नोएडा अथॉरिटी औऱ प्रदूषण से जुड़ी एजेंसियों ने मानकों का उल्लंघन कर रही इकाइयों पर जुर्माना भी लगाया है. पिछले एक दिन में ही 3.30 लाख रुपये का जुर्माना उन इकाइयों पर लगा है, जिन्होंने निर्माण सामग्री को ढंककर नहीं रखा था. दिल्ली एनसीआर में सर्दियों की शुरुआत में प्रदूषण रोकने की कार्ययोजना यानी ग्रैप Graded Response Action Plan (GRAP) को 15 दिन पहले ही लागू कर दिया गया है. 


ग्रैप (Grap) के नियम
अगर एक्यूआई 300 के ऊपर है तो डीजल जनरेटर बंद हो जाएंगे. बड़ी, सोसायटी, एस्केलेटर और लिफ्ट में भी डीजल जनरेटर का सिर्फ दो घंटे ही संचालन होगा. नोएडा, ग्रेटर नोएडा की औद्योगिक इकाइयों ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से डीजल जनरेटर को बेरोकटोक चलाने की मांग की थी, जो मंजूर नहीं हुई. उल्लंघन पर


डीजल जनरेटरों की जगह औद्योगिक इकाइयों को सीएनजी या पीएनजी जनरेटर ( CNG or PNG generator) लगाने को कहा गया है. अकेले नोएडा में ही 20 हजार से ज्यादा छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं.डीजल जनरेटर के मुकाबले इसमें प्रदूषण 90 फीसदी कम होगा. 


नोएडा, ग्रेटर और यमुना अथॉरिटी ने भी  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) से इतर 14 टीमें गठित की हैं, जो पर्यावरण के नियमों का अनुपालन करेंगी. नियमों का उल्लंघन करने पर 10 से 50 हजार रुपये lतक का जुर्माना लगाएंगी. दोबार अवहेलना पर इकाई सील तक हो सकती है.


UP के बड़े शहरों में प्रदूषण का हाल
Noida-174
Greater Noida- 147
Ghaziabad-161
Lucknow- 98
Kanpur-137
Gorakhpur-47
Varanasi-81
Moradabad-93
(PM2.5 PM10 AQI Level)


कूड़ा जलाने, धूल उड़ाने, निर्माण सामग्री को खुले में रखने पर जुर्माना लगाया जाएगा. एजेंसियों ने अपने स्तर पर पेड़ों और सड़क पर पानी के छिड़काव का अभियान भी शुरू कर दिया है. होटल औऱ ढाबे पर तंदूर औऱ कोयले के इस्तेमाल को लेकर भी सख्ती देखने को मिल सकती है. अस्पतालों को बायो मेडिकल वेस्ट यानी मेडिकल कचरे का उचित निस्तारण करने को कहा गया है.


नोएडा (UPPCB) में करीब 8.5 लाख वाहन पंजीकृत हैं, लेकिन दूसरे शहरों के यहां चल रहे वाहनों की तादाद को मिला दें तो यह संख्या करीब 20 लाख पहुंच जाती है. इनमें 6 लाख से ज्यादा कारें हैं. प्रदूषण के कारण बड़ी सड़कों पर लंबे जाम से भी एक्यूआई बढ़ रहा है.