नई दिल्ली: देश भर में आज दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में हल्की सर्द होने के साथ हवा भी जहरीली होती जा रही है. छोटी दीपावली में पटाखे जलाने के कारण प्रदेश की आबोहवा खराब हो रही है. कई शहरों में गुरुवार को दीपावली के दिन सुबह का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़ा हुआ दर्ज किया गया. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की चिंता बढ़ गई है. 


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किस शहर का कैसा है हाल ?
कानपुर (Kanpur), प्रयागराज (Prayagraj), मेरठ (Meerut), गाजियाबाद और नोएडा (Ghaziabad and Noida) में AQI खतरनाक स्तर पहुंच गया. कानपुर के नेहरू नगर स्टेशन पर गुरुवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 325 पहुंच गया. वहीं, प्रयागराज में छोटी दिवाली में आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है. गुरुवार को प्रयागराज का एयर क्वालिटी इंडेक्स 186 तक पहुंच गया जबकि बुधवार को यह 171 था. वहीं, मेरठ शहर का AQI 335 पर पहुंच गया. 


दीपावली के बाद बढ़ सकता है ग्राफ
दिवाली के दिन प्रदेश के नोएडा सेक्‍टर 62 में 342, सेक्‍टर 1 में 322, सेक्‍टर 125 में 325, सेक्‍टर 116 में 349 समेत कई इलाकों में एक्‍यूआई का ग्राफ बढ़ा नजर आया. वहीं, गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा और संजय नगर में एक्‍यूआई 300 के करीब बना हुआ है. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के कई इलाकों में भी एक्‍यूआई 290 पहुंच गया है. वहीं, दीपावली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स के ग्राफ के बढ़ने की आशंका है. 


ताजा आंकड़ों के मुताबिक ये हैं सबसे प्रदूषित शहर 



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मौसम वैज्ञानिकों ने दीपावली पर लोगों से पटाखे न जलाने की अपील की है. एक्यूआई बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, आंखों में जलन हो रही है. वहीं, डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी है. 


क्या होता है AQI (Air Quality Index) 
Air Quality Index (वायु गुणवत्ता सूचकांक) एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की क्वालिटी का पता लगाया जाता है. साथ ही भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है. हर देश का Air Quality Index वहां मिलने वाले प्रदूषण कारकों के आधार पर अलग-अलग होता है. भारत में एक्यूआई को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरोमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लॉन्च किया. 


इन 6 कैटगरी में बांटा जाता है 
बता दें कि एक्यूआई को रीडिंग के आधार पर छह कैटेगरी में बांटा गया है. 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. भारत में एक्यूआई आठ प्रदूषण कारकों (PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, NH3 और Pb) के आधार पर तय किया जाता है. 


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