Akhilesh Yadav on OP Rajbhar and Shivpal Yadav: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सियासत में बयानों की तीरअंदाजी शुरू हो गई है. यह सच है कि बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव के बहाने अखिलेश के गठबंधन को हिला कर रख दिया और अब अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर आमने-सामने हो गए हैं. अखिलेश यादव ने पूर्वांचल दौरे के दौरान राजभर पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि ओम प्रकाश राजभर ने पहली बार सपा पर ऐसा आरोप लगाया है जो पार्टी पर कभी नहीं लगा. नेता जी के जमाने में भी टिकट दिए जाते थे और अब तक दिए जाते हैं, लेकिन अब हम पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया गया है.


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ओपी राजभर को दी भूत भगाने की नसीहत
अखिलेश यादव ने ओपी राजभर को नसीहत दी है कि जो गलत है उनके सिर पर भूत प्रेत सवार हो गया है, उन्हें दिखाना चाहिए. इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल पर भी जमकर निशाना साधा है और कहा है कि वह हमारे चाचा हैं और चाचा ही रहेंगे, लेकिन अब वह स्वतंत्र हैं. उनका अपना एक दल है, वह चाहे तो अपने दल का विस्तार कर सकते हैं. उसमें दलितों और पिछड़ों को जोड़ सकते हैं, हमने उनको स्वतंत्र कर दिया है.


अरुण राजभर ने टिकट को लेकर लगाया था सपा पर आरोप
अखिलेश का बयान आते ही ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से भी पलटवार हो गया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश बौखला गए हैं और यह बात सच है कि समाजवादी पार्टी ने टिकट बेचे हैं और अखिलेश के नवरत्नों में पैसे बंटे. इसमें उदयवीर सहित कई सारे लोग शामिल हैं. अरुण राजभर का यह भी आरोप था कि हमने पूर्वांचल जीत कर दिया, अब उनके पैर के नीचे से पूर्वांचल की जमीन खिसक गई है, इसलिए अखिलेश यादव बौखलाहट में हैं.


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शिवपाल यादव ने नहीं दिया कोई रिएक्शन
हालांकि, शिवपाल सिंह यादव की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. पहले भी शिवपाल सिंह यह बोल चुके हैं कि सम्मान सबसे बड़ा होता है. शिवपाल का कहना है कि अखिलेश कभी कोई राय-मश्वरा नहीं करते. ऐसे में साफ है कि अरुण राजभर अब अपने पिता की सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं. 


बसपा नहीं करेगी राजभर का स्वागत?
ओम प्रकाश राजभर अब अगला दाव कौन सा चलेंगे? क्या वह बीजेपी में घर वापसी करेंगे या फिर किसी अन्य दल के साथ शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर समझौता करेंगे हालांकि मायावती के भतीजे आनंद ने ट्वीट के जरिए साफ कर दिया था कि ओम प्रकाश राजभर के लिए वहां दरवाजे खुले नहीं हैं, जबकि ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि वह अपने सियासी फैसले खुद करते हैं. अब क्या फैसला होगा, इसका इंतजार है लेकिन यह सच है कि राष्ट्रपति चुनाव के बहाने ही सही बीजेपी ने अखिलेश के गठबंधन को बिखेर कर रख दिया है.


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