बस्ती/राघवेंद्र सिंह: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को बस्ती पहुंचे. यहां पर सपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी से ईडी द्वरा पूछताछ के सवाल पर कहा कि 'जितने भी हम राजनीति करने वाले लोग हैं, इन को परीक्षा देनी पडती है. जैसे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा होती है. उसी तरह ईडी भी एक परीक्षा है, ये जो परीक्षा है वो डेमोक्रेसी की परीक्षा है.सोंचिए ये परीक्षा डेमोक्रेसी में हो रही है और इस तरह सरकारें हमेशा करती हैं, जो सरकार ताकतवर है'. उन्होंने आगे कहा कि 'ईडी की परंपरा से जिस तरह से पॉलिटिकल लोगों को परेशान किया जा रहा ये संस्कृति बंद होना चाहिए, अगर कभी कांग्रेस ने किया है तो बीजेपी को उस का उदाहरण नहीं बनना चाहिए. अगर कांग्रेस की सरकार में कोई गलतियां हुई है तो बीजेपी को उस का उदाहरण नहीं बनना चाहिए'.


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अखिलेश यादव ने बीजेपी को दी ये नसीहत 
नुपूर शर्मा के बयान पर मचे बवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम सब जितने लोग खड़े हैं, जो सच्चा हिंदू होगा, वो कभी किसी के धर्म के खिलाफ नहीं बोलेगा. एक सच्चा हिंदू कभी भी किसी के भगवान या पूजने वाले या पैगम्बर के खिलाफ नहीं बोल सकता, न तो हमारी संस्कृत इस की अजादी देती है कि हम किसी को अपमानित करें, किसी के धर्म के खिलाफ बोलें, न तो हमारा संविधान ना ही कानून इस बात की इजाजत देता है कि हम किसी धर्म के खिलाफ बोलें. जब हमारा धर्म, कानून व सम्विधान इस बात की इजाजत नहीं देता तो बीजेपी अपने प्रवक्ताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती'. 


बीजेपी अगर कहती है कि हम संविधान और कानून के साथ हैं तो कानून के तहत अपने कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. बीजेपी को संकल्प लेना चाहिए कि ऐसे प्रवक्ता जो किसी को अपमानित करते हैं, किसी के धर्म के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें आजीवन पार्टी से बाहर निकालने का संकल्प लेना चाहिए.


कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा पर बोला हमला 
कानून व्यवस्था पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि 'लॉ अलग फेंक दिया गया है, आर्डर अलग चल रहा है. यूपी में सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ हो रही है. सबसे ज्यादा ह्युमनराइट कमीशन की नोटिस मिल रही है. अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. यूपी में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है. लॉ एंड आर्डर केवल दिखावा है. इन के पास मंहगाई और बेरोजगारी का जवाब नहीं है. इसलिए हमको आपको उलझा कर रखे हुए हैं'.


वहीं नौकरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'इनको अपना संकल्प पत्र पढ़ना चाहिए. उन को बताना चाहिए कि कितनी नौकरी का वादा किया था. उत्तर प्रदेश का संकल्प पत्र उठाइए 70 लाख नौकरी देने का वादा था. दूसरी बार सरकार बन गई कहां गई 70 लाख नौकरियां,जो सरकार सरकारी कम्पनियां बेच रहो हो एलआईसी बिक गया, एयरपोर्ट बिक गया, रेल बिकने जा रही है. इससे नौकरियां खत्म हो रही हैं तो आप कैसे भरोसा कर लोगे की नौकरी मिलेगी'.


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