मिशन 2024 के पहले मुलायम की राह पर अखिलेश, तीसरा मोर्चा की कवायद में अब ममता से मुलाकात, जानें कैसे बदली रणनीति
Akhilesh Yadav : UP के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी कोलकाता में होनी है. मिशन 2024 के पहले ये बड़ी कवायद है.
लखनऊ :मोदी और योगी लहर के कारण पिछले दो लोकसभा चुनाव और यूपी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बदली सियासी रणनीति को धार देने में जुट गए हैं. वो अपने पिता मुलायम सिंह यादव की राह पर चलते दिखाई दे रहे हैं. गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस दलों के नेताओं और क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ उनकी लगातार मुलाकात यही संकेत दे रही है. अखिलेश गुरुवार को कोलकाता पहुंचेंगे और अगले दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे.
वहीं ममता बनर्जी का कांग्रेस से छत्तीस का आंकड़ा मौजूदा संसद सत्र में भी देखने को मिल रहा है. चंद्रशेखर राव भी तेलंगाना में बीजेपी ही नहीं प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को भी स्पेस नहीं देना चाहते. ऐसे में सपा, तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति जैसे दलों को एक मंच पर लाकर तीसरे मोर्चे को फिर खड़ा करने की कवायद दिख रही हैसपा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव 17 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे.
समाजवादी पार्टी 18 मार्च से कोलकाता में अपनी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन करने जा रही है. ऐसे समय में इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच देश के मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा होगी. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी 11 साल के अंतराल के बाद कोलकाता में आयोजित होगी. कार्यकारणी में साल के अंत में तीन हिंदी भाषी राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए नीतियों और रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी. देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों दल गठबंधन की संभावनाओं को भी टटोलेंगे.
एक दूसरे का कर चुके हैं समर्थन
पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान अखिलेश ने ममता के नेतृत्व वाली टीएमसी को समर्थन देने की घोषणा की थी. इसके बाद ममता ने 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के लिए राज्य में अखिलेश के पक्ष में प्रचार किया था. बंगाल की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रह चुके नंदा ने वर्ष 2010 में अपनी पश्चिम बंगाल सोशलिस्ट पार्टी का सपा में विलय कर दिया था.
संसदीय बोर्ड का भी होगा गठन
कोलकाता में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 20 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बुलाए गए हैं. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा पार्लियामेंट्री बोर्ड का भी गठन हो सकता है. यह बोर्ड ही चुनाव में प्रत्याशी चयन कर टिकटों को अंतिम रूप देता है. कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह 5वीं बैठक है. बैठक में नवगठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ ही कई विशेष आमंत्रित अतिथियों को भी बुलाया गया है.
कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन
सपा प्रमुख पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी पूरे दमखम के साथ अकेले उतरेगी. रायबरेली और अमेठी में भी वो इस बार कांग्रेस को वॉकओवर देने के मूड में नहीं हैं. वहीं ममता बनर्जी का कांग्रेस से छत्तीस का आंकड़ा मौजूदा संसद सत्र में भी देखने को मिल रहा है. चंद्रशेखर राव भी तेलंगाना में बीजेपी ही नहीं प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को भी स्पेस नहीं देना चाहते. ऐसे में सपा, तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति जैसे दलों को एक मंच पर लाकर तीसरे मोर्चे को फिर खड़ा करने की कवायद दिख रही है
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तेलंगाना में भी हुई कवायद
इससे पहले वो तेलंगाना में भारतीय राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के शक्ति प्रदर्शन से जुड़ी खम्मम रैली में शामिल हुए थे. वो के. चंद्रशेखर राव और उनके बेटे केटीआर से भी मिले थे. कोलकाता में 18-19 मार्च में को सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी हो रही है.
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