मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट, वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर और फैजाबाद की जिला अदालतों में थोड़े-थोड़े अंतराल पर एक ही दिन किए गए सीरियल बम ब्लास्ट (serial bomb blast) के आरोपियों से मुकदमा वापसी के आदेश के फैसले के खिलाफ याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगी.  कोर्ट ने सरकारी वकील से मामले में जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. ये आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर (Chief Justice Rajesh Bindal and Justice JJ Munir) की खंडपीठ ने वाराणसी के याचिकाकर्ता नित्यानंद चौबे की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है.


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जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि नवंबर 2007 में वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और गोरखपुर (Varanasi, Lucknow, Ayodhya and Gorakhpur) में सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस ब्लास्ट में तीस से ज्यादा लोगों की जान गई थी. दर्जनों गंभीर रूप से घायल हुए थे. वर्ष 2012 में तत्कालीन सपा सरकार (Sp Government)  ने आरोपितों से मुकदमा वापस लेने का फैसला लिया था. नित्यानंद चौबे (Nityanand Choubey) ने तत्कालीन सपा सरकार के फैसले को हाईकोर्ट (High Court) में जनहित याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए जवाब तलब किया था.कोर्ट के निर्देश के बावजूद आज तक जवाब दाखिल नहीं हो सका. याची नित्यानंद चौबे ने तत्कालीन सपा सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. वाराणसी कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट की घटना में 10 आतंकियों के नाम सामने आए थे. इनमें से आतंकी संगठन हूजी के कमांडर हम्मास को एटीएस और कश्मीर पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था.


अगले सप्ताह होगी सुनवाई
चीफ  जस्टिस की बेंच (Chief Justice's Bench)  में इस मामले की सुनवाई पर कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से जरूरी जानकारी लेकर कोर्ट को अगली तारीख पर अवगत कराने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगी.


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